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पंजाब से आतंकवाद उखाड़ फेकने वाले 'सुपर कॉप' केपीएस गिल का निधन

पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल नहीं रहे। 82 वर्षीय गिल ने दिल्ली के सर गंगाराम हॉ​​स्पिटल में आखिरी सांस ली।

By Amit MishraEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 04:34 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 10:17 PM (IST)
पंजाब से आतंकवाद उखाड़ फेकने वाले 'सुपर कॉप' केपीएस गिल का निधन
पंजाब से आतंकवाद उखाड़ फेकने वाले 'सुपर कॉप' केपीएस गिल का निधन

नई दिल्ली [जेएनएन]। पंजाब में आतंकवाद को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाने वाले पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल का निधन हो गया है। वे 82 साल के थे। शुक्रवार को दोपहर ढाई बजे बीमारी के चलते दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।  

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गिल दो बार पंजाब के डीजीपी रहे। गिल 1995 में भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर हुए। सिविल सर्विस में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया ​था। केपीएस गिल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह किडनी से जुड़ी बीमारियों के कारण परेशान थे। किडनी फेल होने के कारण उनकी मौत हुई।

भारतीय पुलिस सेवा में उन्हें असम कैडर दिया गया, यहां वो वर्ष 1958 से 1983 तक कार्यरत रहे। यहां इन्होंने कई कठिन कार्यों को अंजाम दिया। पंजाब में 80 के दशक में जब खालिस्तानी आतंकवाद अपने चरम पर था, उस वक्त उन्हें यहां का पुलिस महानिदेशक बनाया गया।

पदभार ग्रहण करने के बाद केपीएस गिल ने उन्होंने युद्ध और आतंकवाद की बिषम परिस्थितियों में चलाएं जाने वाले ऑपरेशन "ब्लैक थंडर" को अंजाम दिया और पंजाब में खालिस्तानी आंतकियों का खात्मा किया। खालिस्तानी आतंकियों के सफाए के कारण ही उन्हें ‘सुपरकॉप’ के नाम से जाना जाता है। 

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केपीएस गिल ने पंजाब पुलिस महानिदेशक के रुप में दो कार्यकाल (मई 1988-दिसंबर1990 और नवंबर 1991-दिसंबर1995) को पूरा किया। केपीएस गिल को विश्व आतंकवाद के इतिहास में आतंकवाद निरोधी आपरेशन का सबसे सफल नेतृत्व माना जाता है। पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद गिल को इंडियन हॉकी फेडरेशन का अध्यक्ष बनाया गया।

केपीएस गिल पंजाब में आतंकवाद के सफाए के बाद वर्ष 1995 में सेवानिवृत्त हुए। हालांकि इसके बाद भी उन्होंने केंद्र में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी। साल 1989 में प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए गिल को भारत के चौथे सबसे बड़े सिविल सम्मान ‘पद्म श्री’ से नवाजा गया था।

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