बुराड़ी रेप पीड़िता की पहचान सार्वजनिक, स्वाती मालीवाल के खिलाफ FIR दर्ज
बुराड़ी रेप पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने के मामले में मालीवाल के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बुराड़ी रेप पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने के मामले में मालीवाल के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है।
FIR filed against Delhi Commission for Women (DCW) chief Swati Maliwal for revealing identity of Burari rape victim.
— ANI (@ANI_news) July 26, 2016
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बुराड़ी की रहने वाली 14 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने रविवार को शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में दम तोड़ दिया। लगातार हालत बिगड़ने पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के निर्देश पर 1 जुलाई को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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इस घटना से क्षुब्ध डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने केंद्र और दिल्ली पुलिस पर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर जमकर भड़ास निकाली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्विटर पर लिखा, 'दिल्ली को और कितने निर्भया की जरूरत है? हम अगले निर्भया के मरने का इंतजार करते रहते हैं।' उन्होंने कहा, 'लड़की को जबरन जहरीला पदार्थ खिलाया गया जिससे उसके अंदरूनी अंग पूरी तरह खराब हो गए और उसकी काफी दर्दनाक स्थिति में मौत हो गई।' उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा डीसीपी (उत्तर) को नोटिस जारी करने के बाद खुलेआम घूम रहे आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
मालीवाल ने ट्वीट कर कहा, '14-वर्षीय पीड़ित के अभिभावकों के साथ हूं जो काफी गरीब और शोकाकुल हैं। दिल्ली और कितने निर्भया चाहती है? हम सब अगली निर्भया की मौत का इंतजार करते रहते हैं।' उन्होंने कहा, 'गृह मंत्रालय ने महिला सुरक्षा विशेष कार्यबल को दिल्ली में भंग कर जख्म पर और नमक छिड़क दिया।'
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किशोरी को पिलाया गया तेजाब
किशोरी के परिजनों ने आरोपी शिव शंकर (21) पर शीतल पेय में तेजाब या अन्य घातक रसायन मिलाकर पिलाने का आरोप लगाया है। पीड़ित किशोरी बुराड़ी में माता-पिता व छोटे भाई के साथ रहती थी। उसके पड़ोस में दुष्कर्म का आरोपी शिव शंकर भी रहता है जिससे उसकी दोस्ती हो गई थी।
पिछले साल 21 दिसंबर को वह शिव शंकर के साथ घर से गायब हो गई थी। 2 दिन तक दोनों साथ रहे थे। उसी दौरान शिव शंकर ने उसके साथ दुष्कर्म किया। 24 दिसंबर को घर लौटने पर पिता ने जब किशोरी से पूछताछ की तो उसने बताया कि जब वह घर आने के लिए स्कूल से निकली थी तभी वहां शिव शंकर आ गया। उसने कहा कि तुम्हारे पिता का एक्सीडेंट हो गया है, जल्दी अस्पताल चलो। रास्ते में उसने रुमाल सुंघाया जिससे वह बेहोश हो गई। जब होश आया तो उसने खुद को किसी कमरे में बंद पाया। इसके बाद परिजनों ने बुराड़ी थाने में शिव शंकर के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज करवा दिया।
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...किशोरी ने बदल दिया बयान
27 दिसंबर को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन पुलिस ने जब तीस हजारी कोर्ट में किशोरी का बयान कराया तो वह अपने पुराने बयान से पलट गई। उसने कहा कि उसके साथ कोई गलत काम नहीं हुआ है और वह अपनी मर्जी से शिव शंकर के साथ गई थी।
किशोरी के बयान के बाद आरोपी को जमानत मिल गई थी। हालांकि पुलिस ने तीन महीने बाद इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी। पुलिस का कहना है कि गत 16 मई को मामले में आरोप तय होना था, लेकिन इससे एक दिन पहले किशोरी फिर शिव शंकर के साथ घर से भाग गई। 10 दिन बाद जब वह घर लौटी तब परिजनों ने उसे घर ले जाने से इन्कार कर दिया। किशोरी ने भी घर जाने से मना कर दिया तब पुलिस ने उसे निर्मल छाया में रखवा दिया था।