दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने ऑनलाइन परीक्षा को लेकर कराया सर्वे, ज्यादातर ने कहा- नहीं चाहिए
डूटा ने दावा किया कि सर्वे में 85 फीसद छात्रों ने मत देते हुए कहा है कि उन्हें ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा स्वीकार नहीं है।
नई दिल्ली [राहुल मानव]। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने मंगलवार को जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन प्रेसवार्ता करते हुए एक सर्वे को प्रस्तुत किया। इस सर्वे में डीयू के 51,452 छात्रों ने हिस्सा लिया। इस सर्वे में डीयू प्रशासन द्वारा एक जुलाई से अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा के आयोजन करने के फैसले के मामले को लेकर छात्रों से विभिन्न प्रश्न पूछे गए।
डूटा ने दावा किया कि सर्वे में 85 फीसद छात्रों ने मत देते हुए कहा है कि उन्हें ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा स्वीकार नहीं है। उनके पास इंटरनेट की सुविधा के अलावा लैपटॉप समेत अन्य जरूरी उपकरण भी उपलब्ध नहीं है। इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 38.4 फीसद स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्र हैं।
सर्वे में 86.8 फीसद डीयू के रेगुलर कॉलेजों के छात्र हैं। इसमें से 8 फीसद स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (एसओएल) और 5.2 फीसद नॉन कॉलेजिएट वूमेन एजुकेशन बोर्ड (एनसिवेब) की छात्रा हैं। सर्वे में 50.2 फीसद ऐसे छात्र हैं जो इस समय अपने घर पर मौजूद हैं। इनमें से 40.4 फीसद पीजी में रहने वाले छात्र हैं। वहीं 5.3 फीसद छात्र अपने किसी रिश्तेदार के साथ दिल्ली में रह रहे हैं और 4.1 फीसद छात्र ही डीयू के छात्रावास में रह रहे हैं।
सर्वे में डूटा के अध्यक्ष राजीब रे ने कहा कि डीयू के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए डीयू प्रशासन से मांग है कि वह कोई उचित विकल्प इनके लिए तलाशें। इस सर्वे को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के पास भी भेजा जाएगा। डीयू प्रशासन का बयान डीयू प्रशासन ने कहा है कि ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा के फैसले के लिए सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए थे। उन्होंने अपने सुझाव भी दिए। अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा को लेकर सभी तरह के विकल्पों को देखा जा रहा है। उनकी परीक्षा जरूरी है। जिससे वह आगे पीजी में दाखिला ले सकें।