LIVE: फर्जी डिग्री में तोमर को लखनऊ ले गई पुलिस, होगी पूछताछ
फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार हुए दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर (49) को बुधवार की सुबह पुलिस लखनऊ लेकर पहुंची। वहां से पुलिस उन्हें फैजाबाद ले जाएगी, जहां उनसे पूछताछ होगी। इस बीच तोमर ने अपनी सफाई में कहा कि वे निर्दोष हैं और केंद्र सरकार
नई दिल्ली। फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार हुए दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर (49) को बुधवार की सुबह पुलिस लखनऊ लेकर पहुंची। वहां से पुलिस उन्हें फैजाबाद ले जाएगी, जहां उनसे पूछताछ होगी। इस बीच तोमर ने अपनी सफाई में कहा कि वे निर्दोष हैं और केंद्र सरकार उन्हें फंसा रही है।
वहीं इससे पहले मंगलवार को लंबी पूछताछ के बाद तोमर को दिल्ली के साकेत कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तोमर को चार दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद कानून मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
तोमर द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे स्वीकार कर लिया, जिसकी जानकारी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दी। केजरीवाल तोमर के इस्तीफे को बुधवार को उप राज्यपाल के समक्ष पेश करेंगे।
तोमर की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। पार्टी की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार राजधानी में आपातकाल जैसे हालात पैदा कर रही है।
आपको बता दें कि दिल्ली के त्रिनगर क्षेत्र से विधायक और पहली बार मंत्री बने जितेंद्र सिंह तोमर की बीएससी और कानून की डिग्री को पुलिस ने जांच में फर्जी करार दिया है। इसके आधार पर हौजखास थाना पुलिस ने सोमवार देर रात उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की।
मंगलवार सुबह उन्हें शकूरपुर स्थित कार्यालय के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार करके उन्हें सीधे वसंत विहार के सी ब्लॉक में स्थित एटीएस (वाहन चोरी निरोधक दस्ता) कार्यालय में ले आया गया। वहां दक्षिण दिल्ली के आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों ने करीब 3.30 घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद उन्हें साकेत कोर्ट में पेश किया गया।
लखनऊ ले गई पुलिस
सूत्रों के मुताबिक, तोमर को दिल्ली पुलिस लखनऊ लेकर जा रही है। उन्हें रात 11.55 बजे की श्रमशक्ति एक्सप्रेस ले जाया गया है। यह ट्रेन कानपुर तक जाती है। वहां से उन्हें सड़क मार्ग से लखनऊ ले जाया जाएगा। इसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस सड़क मार्ग से फैजाबाद ले जाएगी। उनके साथ सात पुलिस अधिकारी गए हैं। इनमें एसीपी स्तर के भी अधिकारी शामिल हैं। सुबह लगभग आठ बजे उनके लखनऊ पहुंचने की संभावना है।
पूरी जांच के बाद किया गिरफ्तार : दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) दीपक मिश्रा, संयुक्त आयुक्त दक्षिणी रेंज आरएस कृष्णैया और दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि हमने पूरी जांच के बाद ही तोमर को गिरफ्तार किया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को पूरी तरह से ध्यान रखा गया है। गिरफ्तारी से पहले नोटिस दिया गया था। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल को फैक्स के जरिये जानकारी दी गई।
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी ने तोमर को पुलिस रिमांड में भेजे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट फैसले पर टिपप्णी नहीं करेंगे। लेकिन हम इसके खिलाफ उच्च अदालत में जाएंगे। कुमार विश्वास ने मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिया।
शिकायतकर्ता ने कहा - न्याय की जीत हुई
इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता रिपुदमन भारद्वाज ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हूं। उन्होंने कहा कि यह न्याय की जीत है। भारद्वाज ने कहा कि स्वयं वकील होते हुए मुझे बड़ी शर्मिंदगी हुई कोई फर्जी डिग्री के सहारे कानून मंत्री जैसे पद पर कैसे रह सकता है।
संजय सिंह ने ट्वीट कर दी जानकारी
आप के प्रवक्ता संजय सिंह ने तोमर की गिरफ्तारी की जानकारी ट्वीट के जरिए दी। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता से डरी हुई है और इसी के चलते ऐसी कार्रवाई की जा रही है। सिंह ने कहा कि अगर केंद्र सरकार यह सोचती है कि जेल और लाठी से आम आदमी की आवाज दबा देंगे तो यह नामुमकिन है। तोमर की गिरफ्तारी सरासर असंवैधानिक और गैरकानूनी है। उन्हें बिना किसी नोटिस दिए गिरफ्तार किया गया है। तोमर की गिरफ्तारी की खबर आने के बाद अाप नेता कुमार विश्वास, आशुतोष और सौरव भारद्वाज एटीएस दफ्तर पहुंचे और वहां धरने पर बैठ गए।
स्पीकर ने गिरफ्तारी को बताया गैरकानूनी
स्पीकर ऑफिस द्वारा जारी एक बयान में गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए कहा गया है कि दिल्ली पुलिस को बिना सदन की अनुमति के किसी सदस्य को हिरासत में लेने का भी अधिकार नहीं है। वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि किसी की गिरफ्तारी का आदेश गृह मंत्रालय नहीं देता। पुलिस कानून के हिसाब से अपना काम कर रही है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
बता दें कि तोमर के खिलाफ कानून की फर्जी डिग्री रखने का मामला दर्ज कराया गया था। उन पर आइपीसी की धारा 420, 467, 468, 120बी लगाई गई है। दिल्ली बार काउंसिल ने पहले ही तोमर का लाइसेंस सस्पेंड कर रखा है। तोमर ने दावा किया था कि उनकी डिग्री 100 फीसद सही है। उन्होंने बिहार के भागलपुर स्थित तिलका मांझी यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल करने का दावा किया था।
ऐसी है फर्जीवाड़े की कथा
- बार काउंसिल ने तोमर के खिलाफ 11 मई को दक्षिण जिला के डीसीपी कार्यालय में शिकायत की।
- कहा-उनका बीएससी का अंकपत्र, डिग्री और एलएलबी का अंकपत्र व प्रमाणपत्र फर्जी है।
- 13 मई को मामले को हौजखास थाने में जांच के लिए भेज दिया गया।
- पुलिस की दो टीमें फैजाबाद के अवध विश्वविद्यालय व तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर (बिहार) भेजी गई।
- तोमर ने केएस साकेत पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज अयोध्या से बीएससी की डिग्री व अंकपत्र दिखाया था, जबकि दाखिला रजिस्टर में उनका नाम ही नहीं मिला।
- उनका रोल नंबर भी कॉलेज व विश्वविद्यालय के रिकार्ड में नहीं मिला।
- राममनोहर लोहिया, अवध विश्वविद्यालय ने भी इसकी पुष्टि की।
- तिलका मांझी विश्वविद्यालय द्वारा जारी लॉ का अस्थायी अंकपत्र भी फर्जी पाया गया।
- इस पर जो रोल नंबर लिखा हुआ था वह 1999 में संजय कुमार चौधरी नाम के छात्र का था। वह एलएलबी का छात्र भी नहीं था।
- एलएलबी तृतीय वर्ष का अंकपत्र और अस्थायी प्रमाणपत्र पर परीक्षा नियंत्रक राजन प्रसाद सिंह के हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए।
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