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LG बनाम दिल्‍ली सरकार : अब SC तय करेगा कि कौन होगा दिल्‍ली का सुपरबॉस

अब देश की शीर्ष अदालत तय करेगी कि कौन होगा दिल्‍ली का सुपरबॉस। दिल्‍ली सरकार ने हाई कोर्ट के फैसलेे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 06:50 PM (IST)Updated: Wed, 31 Aug 2016 07:37 PM (IST)
LG बनाम दिल्‍ली सरकार : अब SC तय करेगा कि कौन होगा दिल्‍ली का सुपरबॉस

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली सरकार ने आज एलान किया है कि वह उपराज्यपाल (एलजी) की शक्तियों पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। इससे यह साफ हो गया है कि अब देश की शीर्ष अदालत यह तय करेगी कि दिल्ली का सुपरबॉस कौन होगा।

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दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच छिड़ी अधिकारों की जंग पर काफी कुछ विराम लग गया था, लेकिन दिल्ली सरकार के इस स्टैंड से एक बार फिर इस मामले पर सियासत गरम हो सकती है।

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क्या है दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला

बता दें कि चार अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एेेतिहासिक फैसले में कहा कि दिल्ली का उपराज्यपाल यानी एलजी ही दिल्ली का असल प्रशासक है। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के हर फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं है। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार को बड़ा झटका लगा था।

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अदालत ने आगे कहा था कि एलजी की मर्जी के बिना दिल्ली सरकार कोई भी कानून नहीं बना सकती है। कोर्ट ने कहा था कि 239-AA दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश का स्पेशल स्टेटस देता है। हाईकोर्ट ने कहा कि एलजी किसी भी हाल में दिल्ली सरकार की सलाह मानने को बाध्य या विवश नहीं हैं। केंद्र के नोटिफिकेशन सही हैं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के कमेटी बनाने संबंधी फैसले को अवैध ठहराया है।

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इसके साथ ही अदालत ने यह भी साफ कर दिया था कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा। एलजी अपना स्वतंत्र व्यू ले सकते हैं। दिल्ली सरकार को कोई भी नोटिफिकेशन जारी करने से पहले LG की मंजूरी लेनी होगी। ACB केंद्रीय कर्मचारियों पर कारवाई नहीं कर सकता। दिल्ली सरकार के दोनों मामलों में कमेटी बनाने के फैसले अवैध हैं।


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