जानलेवा शराब : एक दिन में छह पैग लेने से निकल सकता है दम
डाक्टरों का दावा है कि एक दिन में छह पैग लेने से आपकी मौत हो सकती है। इस विषय में एम्स में हुए एक सम्मेलन में यह बात सामने निकल कर आई है।
नई दिल्ली [ राज्य ब्यूरो ] । एम्स के डॉक्टरों ने शराब के पैग को लेकर पीने वालों को सतर्क किया है। एम्स में शराब से होने वाली बीमारियों पर आयोजित सम्मेलन में डॉक्टरों ने इस पर चिंता जाहिर की। डॉक्टरों का दावा है कि एक ही दिन छह पैग उससे ज्यादा ले लें तो मौके पर ही मौत हो सकती है।
इसमें यह बात निकलकर सामने आई कि यह धारणा बिल्कुल गलत है कि कम मात्रा में शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इसे एम्स के डॉक्टरों ने सिरे से खारिज कर दिया और बताया कि शराब के सेवन से 200 तरह की बीमारियां होती है।
जिन्हें पीने की लत हो उनके लिए तो शराब खतरनाक है ही, लेकिन जिन्हें पीने की लत नहीं है और किसी के बहकावे में आकर कभी-कभार इसका सेवन करते हैैं उनके लिए ज्यादा घातक है। ऐसे लोग यदि साल में कभी एक बार शराब पीएं और एक ही दिन छह पैग उससे ज्यादा ले लें तो मौके पर ही मौत हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैैं और ऐसे कई मामले देखे भी गए हैं।
एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके खंडेलवाल ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि पहले के मुकाबले अब कम उम्र में शराब पीने की लगत बढ़ रही है। अब शहरों में 13 से 14 साल की उम्र में बच्चे शराब पीना शुरू कर देते हैं।
सड़कों पर जीवन गुजारने वाले बच्चे 11-12 साल की अवस्था में शराब पीने लगते हैं। यूरोपीय देशों में इसका सेवन घट रहा है जबकि भारत में शराब का सेवन बढ़ रहा है। यह चिंताजनक स्थिति है क्योंकि शराब मस्तिष्क से लेकर शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करती है।
इसके सेवन से 200 तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है। इससे मस्तिष्क की सोचने समझने की शक्ति प्रभावित होती है और याददाश्त कमजोर होती है। एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके आचार्या ने कहा कि लिवर की बीमारियों से पीडि़त करीब 50 फीसद मरीज शराब के सेवन के चलते बीमार पड़ते हैं।
एम्स के प्रवक्ता व ट्रॉमा केयर सर्जन डॉ. अमित गुप्ता ने कहा कि यह देखा गया है कि 40 फीसद लोग शराब के सेवन के चलते हादसे के शिकार होते हैं। इसलिए शराब की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
शराब के चलते होने वाली बड़ी बीमारियां कैंसर, हृदय की बीमारियां, ब्रेन स्ट्रॉक, फैटी लिवर, लिवर कैंसर, पैंक्रियाइटिस, मधुमेह, किडनी फेल्योर, मानसिक बीमारी आदि।