बीएस बस्सी बने UPSC सदस्य, आप बोली-'भाजपा ने दिया तोहफा'
आप नेता आशुतोष ने कहा कि नियुक्ति सरकार का विशेषाधिकार है। यह साफ हो गया है कि किसके इशारे पर बस्सी काम कर रहे थे और उनका एहसान चुकाया गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर बीएस बस्सी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का सदस्य बनाया गया है। केंद्र सरकार ने इस संवैधानिक पद पर 60 वर्षीय बस्सी की नियुक्ति की है। अध्यक्ष सहित 11 सदस्यीय आयोग में इनका कार्यकाल पांच वर्षो के लिए होगा। वह फरवरी, 2021 में रिटायर होंगे।
बस्सी की नियुक्ति के साथ इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। दिल्ली में सत्तासीन आप ने कहा कि यूपीएससी सदस्य के तौर पर दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त बीएस बस्सी की नियुक्ति साबित करती है कि सरकार ने भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता का अहसान चुकाया है।
आप नेता आशुतोष ने कहा कि नियुक्ति सरकार का विशेषाधिकार है। यह साफ हो गया है कि किसके इशारे पर बस्सी काम कर रहे थे और उनका एहसान चुकाया गया है।
उन्होंने कहा, आप स्पष्ट तौर पर कहती रही है कि बस्सी भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता के तौर पर काम कर रहे थे। इसलिए यूपीएससी सदस्य के तौर पर नियुक्ति तथ्य को साबित करती है कि वह भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता थे और हैं।
विवादों में घिरा रहा बस्सी का कार्यकाल
दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर बीएस बस्सी का कार्यकाल विवादों से भरा रहा। आप सरकार के साथ उनकी अक्सर तकरार होती रही। उनके कार्यकाल के दौरान आप के पांच विधायकों को विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया।
यूपीएससी देश में आइएएस, आइपीएस और आइएफएस समेत अन्य सेवा के अफसरों का चयन करने के लिए हर साल सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि राष्ट्रपति ने बस्सी को यूपीएससी का सदस्य नियुक्त किया है। पूर्व आइपीएस अफसर ने मंगलवार को ही पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष दीपक गुप्ता ने उन्हें शपथ दिलाई।
फरवरी में रिटायर हुए थे बस्सी
1977 बैच के आइपीएस अधिकारी भीम सेन बस्सी इस वर्ष फरवरी में ही दिल्ली के पुलिस कमिश्नर पद से सेवानिवृत्त हुए थे। संविधान के अनुसार यूपीएससी के सदस्य का कार्यकाल अधिकतम छह वर्ष अथवा 65 वर्ष की उम्र तक के लिए होता है।
चूंकि इस वर्ष फरवरी में 60 वर्ष का होने पर बस्सी रिटायर हुए थे। इसलिए संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल पांच वर्ष बाद फरवरी, 2021 में पूरा हो जाएगा। दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल सुर्खियों में रहा। आम आदमी पार्टी सरकार से आए दिन टकराव और कार्यकाल के आखिरी महीनों में जेएनयू छात्र नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर बस्सी का नाम लगातार चर्चा में रहा।
सदस्य के रूप में बस्सी की नियुक्ति के बाद यूपीएससी में 10 सदस्यों की निर्धारित संख्या अब पूरी हो गई है। इनके अलावा अल्का सिरोही, डेविड आर सिएमलाई, मनबीर सिंह, डीके देवन, विनय मित्तल, छतर सिंह, प्रो. हेमचंद्र, अरविंद सक्सेना और प्रो. प्रदीप कुमार जोशी भी आयोग के सदस्य हैं।
आइएएस, आइपीएस और अन्य अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी आयोग के सदस्य के रूप में चयनित किया जाता है।
सीबीआइ के पूर्व निदेशक एपी सिंह भी यूपीएससी के सदस्य थे, लेकिन विवादित मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के साथ नाम उछलने के बाद आइपीएस संवर्ग के सिंह ने जनवरी, 2015 में इस्तीफा दे दिया था।