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ड्रोन और लेजर लाइट कर रही हैं पायलटो को परेशान

संतोष शर्मा, नई दिल्ली इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर ड्रोन देखे जाने की घटना

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 12:11 AM (IST)Updated: Mon, 21 Aug 2017 12:11 AM (IST)
ड्रोन और लेजर लाइट कर रही हैं पायलटो को परेशान
ड्रोन और लेजर लाइट कर रही हैं पायलटो को परेशान

संतोष शर्मा, नई दिल्ली

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इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर ड्रोन देखे जाने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। आए दिन वहां पायलट लेजर लाइट देखे जाने की शिकायत करते रहते हैं। दोनों घटनाएं विमानन सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक हैं। आंतकी ड्रोन का प्रयोग कर उड़ान भरते विमान को अपना शिकार बना सकते हैं, साथ ही लेजर लाइट से पायलट रास्ता भटक सकता है। इससे सैकड़ों यात्रियों की जान जाने सहित काफी संपत्ति का नुकसान भी हो सकता है।

ऐसा नहीं है कि एजेंसियां इन खतरों से अवगत नहीं है। विमानन मंत्रालय ने एयरपोर्ट व आस-पास के क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने सहित लेजर लाइट के प्रयोग पर पाबंदी लगा रखी है, बावजूद ऐसी घटनाओं पर काबू नहीं है।

एयरपोर्ट सुरक्षा अधिकारियों की मानें तो दिल्ली में इसके प्रति काफी सख्ती है। ज्यादातर घटनाएं दिल्ली के सीमावर्ती और हरियाणा से सटे इलाकों में घटती हैं। सूचना दिए जाने के बावजूद अन्य राज्य की एजेंसियां इसके प्रति गंभीर नहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार को इस ओर गंभीर कदम उठाने होंगे। ताजा घटना में ड्रोन देखे जाने के बाद एयरपोर्ट पर जहां हड़कंप मचा हुआ है वहीं विमानों का परिचालन गड़बड़ाने से यात्री भी परेशान हुए।

पहले भी देखे जा चुके हैं ड्रोन

आइजीआइ एयरपोर्ट पर ड्रोन देखे जाने की घटना पहली बार नहीं हुई है। 27 अक्टूबर 2015 को एयरपोर्ट पर ड्रोन देखा गया था। इसकी जानकारी एयरफोर्स ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) व अन्य एजेंसियों को दी थी। इसके दो दिन बाद 29 अक्टूबर को एयर फोर्स के एक जवान ने एयरपोर्ट से 9 नॉटिकल मील दूर ड्रोन देखा था। एटीसी के रडार ने भी इसे रिकार्ड किया था। बाद में इनका कोई पता नहीं चल सका था, लेकिन इससे सबक लेते हुए सुरक्षा एजेंसियों को सचेत जरूर कर दिया गया था। एयरपोर्ट की सुरक्षा के तहत पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वह वहां उड़ने वाली किसी संदिग्ध वस्तु को देखते ही गोली मारकर गिरा दें।

सीआइएसएफ सूत्रों के मुताबिक इन घटना के बाद भी एयरपोर्ट पर वर्ष 2015 में 44 और वर्ष 2016 में मध्य मार्च तक कुल 60 संदिग्ध फ्लाइंग आबजेक्ट (उड़ने वाली वस्तुएं) देखे जा चुके हैं। एयरपोर्ट क्षेत्र में अक्सर लेजर लाइट देखे जाने की घटनाएं भी होती रहती हैं। वर्ष में औसतन इनकी संख्या 24 है।

लेजर लाइट भी है खतरनाक

विमानन विशेषज्ञ बताते हैं कि लेजर लाइटें भी काफी खतरनाक हैं। इनकी तीक्ष्ण रोशनी पायलट की आंखों को परेशान करती हैं। इस स्थिति में दिशा भटक कर विमान दुर्घटना ग्रस्त हो सकता है।

ड्रोन देखे जाने की घटनाएं

27 अक्टूबर 2015 -एयर फोर्स के एक अधिकारी ने एयरपोर्ट क्षेत्र में ड्रोन देखा था। ड्रोन पालम गांव की तरफ से आया था और रेडिसन होटल की ओर कहीं लापता हो गया था।

29 अक्टूबर 2015 - एयर फोर्स के जवान ने एयरपोर्ट से 9 नॉटिकल मील दूर ड्रोन को उड़ान भरते देख इसकी सूचना सुरक्षा एजेसियों को दी थी।

लेजर लाइट देखे जाने की घटनाएं

19 जुलाई 2017 - मुंबई से आ रहे गो एयर विमान के पायलट ने लेजर लाइट देखी थी।

12 जुलाई 2017 - बेंगलुरु से आ रहे एयर इंडिया के पायलट ने भी लेजर लाइट देखे जाने की शिकायत पुलिस में की थी।

5 जुलाई 2017 - शारजाह से आ रही फ्लाइट के पायलट ने लेजर लाइट देखी थी।

25 मई 2017 - हांगकांग जाने वाली फ्लाइट के पायलट ने उड़ान भरने के बाद लेजर लाइट देखी।

6 मई 2017 - एक दिन में दो बार इंडिगो और विस्तारा एयरलाइंस के पायलट ने लेजर लाइट देखी थी।


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