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DUSU की महाभारत में चक्रव्यूह तोड़ने भाजपा ने उतारे 25 ‘अभिमन्यु’

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) का चुनाव किस हद तक नाक का सवाल बना हुआ है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि दिल्ली भाजपा ने इसमें जीत दर्ज करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2015 10:10 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2015 09:06 PM (IST)
DUSU की महाभारत में चक्रव्यूह तोड़ने भाजपा ने उतारे 25 ‘अभिमन्यु’

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) का चुनाव किस हद तक नाक का सवाल बना हुआ है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि दिल्ली भाजपा ने इसमें जीत दर्ज करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। हर कोई जीत के लिए चक्रव्यूह रच चुका है। चुनावी महाभारत में अर्जुन-अभिमन्यु हर किरदार हैं।

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यही वजह है कि भाजपा ने 25 युवा नेताओं को ग्राउंड जीरो पर उतार दिया है। इसमें कुछ ऐसे ‘अभिमन्यु’ भी शामिल हैं, जिनको डूसू के दंगल में इतिहास रचने का श्रेय हासिल है। इन्हें अब एबीवीपी के लिए डूसू चुनाव में जीत की हैटिक लगाकर नया इतिहास रचने का जिम्मा सौंपा गया है।

दक्षिणी दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के नेतृत्व में भारतीय जनता युवा मोर्चा के करीब 25 नेताओं की टीम की प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठक हुई। इसमें सभी युवा नेताओं को एक बार फिर से डूसू के दंगल में ग्राउंड जीरो पर जाकर एबीवीपी के उम्मीदवारों के लिए जीत का मार्ग प्रशस्त करने का जिम्मा सौंपा गया है।

सांसद रमेश बिधूड़ी ने बताया कि ये नेता दस से पच्चीस के समूह में विद्यार्थियों के बीच जाकर बैठके करेंगे और उन्हें न सिर्फ वोटिंग के लिए प्रेरित करेंगे बल्कि एबीवीपी व भाजपा किस तरह से अन्य दलों से भिन्न है, ये भी समझाएंगे।

इस दौरान एबीवीपी की उपलब्धियों को प्रचारित किया जाएगा और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इतना ही नहीं विरोधियों की खामियां भी ये युवा नेता विद्यार्थियों के बीच रखेंगे। 1टीम में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नकुल भारद्वाज भी शामिल हैं।

भारद्वाज ने डूसू चुनाव में वर्ष 2000 व 2001 में जीत के बाद एनएसयूआइ को अध्यक्ष पद पर जीत की हैटिक लगाने से रोका था। टीम में नुपूर शर्मा को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने डूसू में करीब पांच साल बाद एबीवीपी को अध्यक्ष पद पर काबिज होने का अवसर दिया था।

डूसू में वर्ष 2006 में उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी को जीत दिलाने वाले विकास दहिया भी टीम में शामिल हैं। साफ है कि भाजपा की ओर से ऐसे नेताओं को एबीवीपी की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है, जो जानते हैं कि डूसू चुनाव में जीत कैसे पाई जा सकती है।


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