लेखक विष्णु प्रभाकर से धोखाधड़ी में दो लोगों पर आरोप बरकरार
नई दिल्ली, जासं : जाने-माने लेखक स्वर्गीय विष्णु प्रभाकर के मकान पर धोखाधड़ी से कब्जा करने के मामले में दो आरोपियों द्वारा दायर याचिका को रोहिणी कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ईला रावत ने दोनों आरोपियों पर लगे धोखाधड़ी के आरोपों को बरकरार रखते हुए निचली अदालत के फैसले को सही करार दिया है।
पेश मामले के अनुसार पुलिस ने अप्रैल 2000 में लेखक विष्णु प्रभाकर की शिकायत पर उनके किराएदार दीपक सब्बरवाल और संजय सब्बरवाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। अपनी शिकायत में विष्णु प्रभाकर का कहना था कि उसके किराएदारों ने फर्जी कागजात के आधार पर यह साबित करने का प्रयास किया कि उन्होंने अपना मकान ओमपाल सिंह नामक व्यक्ति को बेच दिया है और ओमपाल ने उनका मकान दीपक और संजय को बेच दिया है। पुलिस ने मामले में जांच करते हुए अपनी चार्जशीट रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर दी थी। लेखक विष्णु प्रभाकर का 97 वर्ष की उम्र में अप्रैल 2009 में निधन हो गया था। मामले में महानगर दंडाधिकारी ने चार्जशीट रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए दोनों आरोपियों पर धोखाधड़ी के आरोप तय करते हुए उन पर मुकदमा चलाने के निर्देश 25 मई 2011 को जारी किए थे। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दीपक और संजय ने सेशन कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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