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अदालत संक्षिप्त- नई दिल्ली

By Edited By: Published: Wed, 28 Dec 2011 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 28 Dec 2011 09:01 PM (IST)
अदालत संक्षिप्त- नई दिल्ली

दहेज उत्पीड़न में पति को कैद

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नई दिल्ली, जागरण संवाददाता

कड़कड़डूमा कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सावित्री ने दहेज प्रताड़ना में दोषी पति शशि पाल को एक साल कैद एवं 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। वहीं, अदालत ने आरोपी ससुर चौखे राम को दिनभर अदालत के बाहर खड़े रहने के अलावा 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने इसी मामले में दो अन्य आरोपियों सास प्रेमवती और ननद बसंती को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

सीमापुरी थाना की पुलिस ने माला गुप्ता की शिकायत पर पति शशि पाल, ससुर चौखेराम, सास प्रेमवती और ननद बसंती पर 23 मार्च, 1994 को दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज किया था। माला का कहना था कि उसकी शादी शशि पाल से 26 नवंबर, 1992 को हुई थी। विवाह के कुछ समय बाद से ही उसके पति व ससुराल वालों ने उसे दहेज के लिए पीट कर घर से निकाल दिया। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया था और उनके खिलाफ अदालत में कुल 7 गवाह पेश किये थे।

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मादक पदार्थो की तस्करी में युवक दोषी

कड़कड़डूमा कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरिता बीरबल ने मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में अभियुक्त सोहन को दोषी करार दिया है। अदालत ने सोहन की सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। पेश मामले में प्रीत विहार थाना पुलिस ने सोहन को 20 मार्च, 2008 को एक मुखबिर की सूचना पर जगतपुरी पुलिया के पास से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सोहन के पास से 50 ग्राम स्मैक बरामद की थी। पुलिस ने सोहन के खिलाफ मादक पदार्थ द्रव्य निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे अदालत में पेश किया था। पुलिस ने सोहन के खिलाफ अदालत में कुल 11 गवाह पेश किये थे।

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दुष्कर्म के मामले में दो भाई बरी

साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना की अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी युवक सुरेंद्र पाल सिंह व जितेंद्र को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अदालत ने उक्त मामले में शिकायतकर्ता महिला की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि मामला दर्ज कराने में की गई तीन महीने की देरी का पीड़िता के पास कोई जवाब नहीं है। इतना ही नहीं, उसके बयानों में भी विरोधाभास है।

पेश मामले में वसंत कुंज थाना की पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर 14 नवंबर, 2008 को सुरेंद्र पाल सिंह व उसके भाई जितेंद्र के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। शिकायत में पीड़िता का कहना था कि चार साल पहले वह अपने पति के साथ महिपालपुर के एक मकान के कमरे में किराए पर रहती थी। उसी मकान में सुरेंद्र व उसका भाई जितेंद्र भी किराए पर रहता था। दोनों ने एक दिन जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया और उसका वीडियो बना लिया। उसके बल पर दोनों भाइयों ने उसके साथ चार साल तक समय-समय पर दुष्कर्म किया। आखिरी बार उन्होंने 14 अगस्त, 2008 को उससे दुष्कर्म किया था। उसने मकान भी बदल दिया, इसके बावजूद दोनों भाई उसे परेशान कर रहे हैं। पुलिस ने उक्त मामले में सुरेंद्र को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया था और अदालत में उसके खिलाफ कुल 7 गवाह पेश किए थे।

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