1 अक्टूबर से टर्मिनल-2 से शुरू हो सकती हैं घरेलू उड़ानें
संतोष शर्मा, नई दिल्ली इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 से जल्द ही एयरला
संतोष शर्मा, नई दिल्ली
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 से जल्द ही एयरलाइंस कंपनियों के विमानों का संचालन शुरू हो सकता है। विमानन मंत्रालय द्वारा एयरलाइंस कंपनियों को स्थानांतरण के संबंध में निर्णय लेने के लिए दी गई समयावधि समाप्त हो जाने के बाद अब गेंद पूरी तरह दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के पाले में है। डायल के अधिकारियों ने इस संबंध में प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एक हफ्ते के अंदर इसपर निर्णय ले लिया जाएगा कि कौन सी एयरलाइंस कंपनी टर्मिनल-2 से अपनी सेवा देगी। उम्मीद है कि 1 अक्टूबर से टर्मिनल-2 से डोमेस्टिक (घरेलू) उड़ानें चालू कर दी जाएंगी। हालांकि, कौन सी एयरलाइंस कंपनी को टर्मिनल-2 में भेजा जाएगा, इस संबंध में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इस बात की संभावना है कि टर्मिनल-1 से संचालित हो रहीं तीन एयरलाइंस कंपनियों में सबसे बड़ी इंडिगो को पुराने टर्मिनल में रहने दिया जाए और स्पाइस जेट व गो एयरलाइंस को टर्मिनल-2 से अपनी विमान सेवा संचालित करने के लिए कहा जाए। इसके अलावा मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे सबसे व्यस्ततम रूट पर तीनों एयरलाइंस की सीमित फ्लाइटों का संचालन टर्मिनल-2 से चालू किए जाने का निर्णय लिया जा सकता है।
मालूम हो कि टर्मिनल-1 पर यात्री सुविधाओं से जुड़े विस्तार कार्य शुरू होने के कारण वहां से संचालित कुछ उड़ानों को टर्मिनल-2 में स्थानांतरित किया जाना है। इसके मद्देनजर टर्मिनल-2 का नवीनीकरण कराया गया है, लेकिन व्यावसायिक व अन्य कारणों से एयरलाइंस कंपनियां इस पर सहमत नहीं हैं। टर्मिनल-1 से वर्तमान में इंडिगो, स्पाइस जेट और गो एयरलाइंस की फ्लाइटों का संचालन घरेलू उड़ानों के लिए किया जा रहा है। इंडिगो के बेड़े में 355 तो स्पाइस जेट और गो एयरलाइंस के बेड़े में कुल मिलाकर करीब 71 विमान हैं। एयरलाइंस कंपनियों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाने के कारण गत दिनों विमानन मंत्रालय को हस्तक्षेप करना पड़ा था। मंत्रालय ने एयरलाइंस कंपनियों से उड़ानें शुरू करने को लेकर 15 जुलाई तक निर्णय लेने का निर्देश दिया था। एयरलाइंस कंपनियों द्वारा निर्णय न ले पाने पर सारा दारोमदार डायल पर छोड़ दिया गया था। अब तक टर्मिनल-2 के शुरू होने की तीन डेडलाइन समाप्त हो चुकी है, जबकि इसके नवीनीकरण पर 100 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। उधर, स्थानांतरण नहीं होने से टर्मिनल-1 पर विस्तार कार्य पर असर पड़ रहा है। अधिक भीड़भाड़ के कारण वहां घरेलू यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।