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यमुना के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में कूड़ा डालने पर प्रतिबंध

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 07:22 PM (IST)Updated: Fri, 19 May 2017 07:22 PM (IST)
यमुना के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में 
कूड़ा डालने पर प्रतिबंध
यमुना के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में कूड़ा डालने पर प्रतिबंध

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में कूड़ा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया है। एनजीटी चेयरपर्सन स्वतंत्र कुमार की पीठ ने आदेश दिया कि नियम तोड़ने वाले पर पांच हजार रुपये पर्यावरण शुल्क के रूप में जुर्माना लगाया जाए।

इसके अलावा एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी यमुना की सफाई व्यवस्था के निर्देशों का अनुपालन कराएगी और समय-समय पर रिपोर्ट तैयार कर एनजीटी को सौंपेगी।

एनजीटी ने कहा कि यमुना में प्रदूषण का मुख्य कारण रिहायशी कॉलोनियों में चली रहीं फैक्ट्रियों का कूड़ा है। एनजीटी ने नगर निगम को इन फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने कहा कि यमुना में गिरने वाले 67 प्रतिशत गंदे पानी का दिल्ली गेट व नजफगढ़ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में शोधन होता है। गौरतलब है कि 1 मई को एनजीटी ने दिल्ली गेट व ओखला सीवरेज प्लांट के निरीक्षण का आदेश दिया था। एनजीटी ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि यमुना में गिरने से पहले इन प्लांट में गंदे पानी का शोधन ठीक तरह से हो रहा है या नहीं। पेश मामले में एनजीटी मैली सी निर्मल यमुना रिवाइटलाइजेशन प्रोजेक्ट 2017 निगरानी संबंधी मामले में सुनवाई कर रही है।


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