झलकियां---बाहरी दिल्ली
महिला कार्यकर्ताओं ने सेल्फी लेकर मनाई खुशी विभिन्न मतगणना केंद्रों पर प्रत्याशियों के साथ आई हुई
महिला कार्यकर्ताओं ने सेल्फी लेकर मनाई खुशी
विभिन्न मतगणना केंद्रों पर प्रत्याशियों के साथ आई हुईं महिला कार्यकर्ताओं ने अपने प्रत्याशी की जीत की खुशी को सेल्फी लेकर जताया। रोहिणी सेक्टर-6 स्थित मतगणना केंद्र पर भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां खुशी और आनंद में झूमती इन महिलाओं को जैसे ही पता चला कि उनके दल की प्रत्याशी आगे चलते हुए जीत रहे हैं, उन्होंने तुरंत अपने प्रत्याशियों को फूलों की माला पहना दी, जिसके बाद सभी ने एक-दूसरे के साथ सेल्फी ली और उसे तत्काल सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
गांव देहात के युवाओं में दिखा उत्साह
उत्तरी दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में मतगणना के दौरान युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिला। प्रत्याशियों के मतों की गिनती के दौरान उनकी उत्सुकता भी खूब रही। इस दौरान सभी आपस में अलग-अलग प्रत्याशियों की काबिलियत और जनता के प्रति उनके लगाव पर चर्चा करते रहे। उत्तरी दिल्ली नरेला, खेड़ा कलां, घेवरा और मुंडका के ग्रामीण क्षेत्रों के केंद्रों पर इन युवाओं के बीच पार्टी की समीक्षा का दौर भी चलता रहा, जिसमें गांव के बुजुर्गो ने भी उनका खूब साथ दिया।
कार्यकर्ताओं के बीच आपस में चलती रही छींटाकशी
रोहिणी के सेक्टर-6 और सेक्टर-21 के मतगणना केंद्रों पर विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के बीच छींटाकशी भी चलती रही। जहां विजेता उम्मीदवारों के केंद्र से बाहर आने पर उनके समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे लगाए। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता बीच-बीच में उनकी आवाज को दबाने का भी प्रयास भी करते रहे। किसी अनहोनी या झड़प की आशंका से पहले ही पुलिस ने तैयारी पूरी कर ली थी। इससे कार्यकर्ता बैरिकेड के पीछे ही नारे लगाते रहे। इस दौरान आसपास के घरों के लोग अपने घरों की छत और छज्जों से बाहर का नजारा देखने में व्यस्त दिखाई दिए।
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हाथी की फूली सांस
सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी विधानसभा क्षेत्रों के वार्डो में बहुजन समाज पार्टी की अच्छी पैठ रही है। इन दोनों ही क्षेत्रों में बसपा ने पिछली बार तीन सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार यहां से बसपा का खाता ही नहीं खुला। कुछ लोग यह कहते सुने गए कि उत्तर प्रदेश में हाथी की जो सांस फूली फिर वह दिल्ली तक आने की हिम्मत ही नहीं कर पाया।
गांवों को रास नहीं आया ऐनक
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल लोकदल ने भी बड़े जोर-शोर से दिल्ली देहात में अपने उम्मीदवार उतारे, इसके साथ ही मोतीनगर जैसे वार्ड में भी अपना उम्मीदवार उतार दिया। इनेलो के नेताओं को उम्मीद थी कि शहरी इलाकों में भले ही कुछ न कर पाएं, लेकिन देहात में जरूर करेंगे क्योंकि ये क्षेत्र हरियाणा से लगा हुआ है। मगर, दिल्ली देहात के मतदाताओं ने भी हरियाणा के मतदाताओं की तरह आंखों पर चश्मा चढ़ाने से परहेज किया। इनके ऐनक चुनाव निशान को नांगल ठाकरान तक के मतदाताओं ने नकार दिया, जहां से इनके प्रदेश अध्यक्ष की पुत्रवधू मैदान में थी।
जाट बाहुल्य इलाकों में खिला कमल
दिल्ली देहात में बड़ी तादाद जाट मतदाताओं की भी है। हरियाणा से सटे इस क्षेत्र में पिछली बार जाट आंदोलन का अच्छा खासा असर दिखाई दिया था। इस बार भी निगम के चुनाव में कुछ जाट नेताओं ने भाजपा के खिलाफ फतवे भी जारी किए थे, लेकिन जिन इलाकों में ये फतवे जारी हुए, वहीं सबसे ज्यादा कमल खिला है।