पूर्वाचलियों को वोट बैंक समझते हैं सभी दल
नगर निगम चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) भी मैदान में है। इसकी नजर दिल्ली में रहने वाले बिहार व पू
नगर निगम चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) भी मैदान में है। इसकी नजर दिल्ली में रहने वाले बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों पर है। इन्हें रिझाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दिल्ली में रोड शो व चुनावी सभाएं कर चुके हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और दिल्ली के प्रभारी संजय कुमार झा से चुनावी मुद्दों को लेकर हमारे संवाददाता ने बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
-जदयू किन मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतरी है?
दिल्ली की राजनीति में फोर पी यानी पहचान, परिवर्तन, परिवेश और पर्यावरण के मुद्दे पर हम चुनाव लड़ रहे हैं। दिल्ली की बेहतरी के लिए कोई भी पार्टी काम नहीं कर रही है। इसका सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ रहा है। राजधानी में अब भी लाखों घरों में पेयजल नहीं पहुंचता है। हम बिहार की तरह दिल्ली में भी -हर घर जल का नल- योजना को लागू करेंगे। प्रत्येक झुग्गी में बिजली पहुंचाने के साथ ही दिल्ली में मैथिली अकादमी का निर्माण भी हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है।
अन्य पार्टियां भी तो पूर्वाचल के लोगों से वादे कर रही हैं?
-अन्य पार्टियां इन्हें सिर्फ वोट बैंक समझती हैं, इसलिए ये इनके झांसे में नहीं आएंगे। विधानसभा चुनाव में इन लोगों ने अरविंद केजरीवाल के वादों पर विश्वास करके आम आदमी पार्टी (आप) को अपना समर्थन दिया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें निराशा हाथ लगी है। इस चुनाव में आप सहित अन्य पार्टियों के घोषणापत्र में पूर्वाचल के लोगों, मुस्लिमों व सिखों की उपेक्षा की गई है। इससे इन लोगों में नाराजगी है। आप को सत्ता दिलाने में ऑटो वालों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब इनकी उम्मीद भी टूट गई है।
दिल्ली में रहने वाले पूर्वाचल के लोगों के हित में आपकी पार्टी क्या कदम उठाएगी?
-दिल्ली में रह रहे पूर्वाचल के लोगों का हमेशा शोषण होता रहा है। इनके मनोबल को उठाना, इनकी पहचान को मजबूती देना और इन्हें सम्मान दिलाना हमारी प्राथमिकता है। जदयू इनकी आवाज बन रही है।
आम आदमी पार्टी के हाउस टैक्स माफी के वादे से किसे फायदा होगा?
-आप का यह वादा गरीब विरोधी है। इससे सिर्फ अमीरों को लाभ होगा क्योंकि उन्हें ज्यादा टैक्स देना पड़ता है। टैक्स नहीं मिलने से नगर निगमों द्वारा दी जाने वाली सेवा प्रभावित होगी। इसका खामियाजा मध्यम और निम्न आय वालों को भुगतना पड़ेगा क्योंकि जिन इलाके में वे रहते हैं वहां सफाई सहित अन्य जरूरी काम नहीं हो सकेंगे।