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परीक्षा में नहीं बैठने दिया तो हाई कोर्ट पहुंची छात्रा

जागरण संवाददाता,नई दिल्ली : परीक्षा में नहीं बैठने देने पर छठी कक्षा की एक छात्रा ने हाई कोर्ट का दर

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 11:13 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 11:13 PM (IST)
परीक्षा में नहीं बैठने दिया तो हाई कोर्ट पहुंची छात्रा
परीक्षा में नहीं बैठने दिया तो हाई कोर्ट पहुंची छात्रा

जागरण संवाददाता,नई दिल्ली : परीक्षा में नहीं बैठने देने पर छठी कक्षा की एक छात्रा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसने स्कूल प्रशासन से बतौर हर्जाना पाच लाख रुपये देने की माग की है। न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव की पीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय और रोहिणी स्थित लांसर कॉन्वेंट स्कूल प्रशासन से जवाब मांगा है। अदालत ने स्कूल प्रशासन को आदेश दिया कि वह याचिकाकर्ता को 7वीं कक्षा में प्रमोट करे और स्कूल प्रशासन चाहे तो याची की परीक्षा ले सकता है। अदालत ने कहा कि छात्रा को सभी विषयों की पढ़ाई कराई जाए। स्कूल की सभी अतिरिक्त गतिविधियों में भी शामिल किया जाए।

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याची के अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के अनुसार, छात्रा ने अगस्त 2016 में लांसर कॉन्वेंट स्कूल की छठी कक्षा में दाखिला लिया था। फीस जमा कराने के साथ सभी जरूरी जानकारी भी स्कूल को दी थी। इसके बाद याची के पिता ने सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के जरिये स्कूल प्रशासन से नवंबर-दिसंबर 2016 फीस में कितनी फीस थी और इस साल कितनी बढ़ाई गई, इसके लिए सरकार की मंजूरी ली या नहीं, स्कूल का वार्षिक रिटर्न जमा कराया या नहीं जैसे कई सवाल पूछे थे।

आरोप है कि इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्रा के पिता को पत्र लिखकर कहा कि आप की बेटी इससे पूर्व विद्या भारती स्कूल में पढ़ती थी, लेकिन आपने वहा का स्थानातरण प्रमाणपत्र जमा नहीं कराया है। यादि आप 15 फरवरी तक प्रमाणपत्र जमा नहीं कराते हैं तो अगले दिन से बच्ची का दाखिला रद माना जाएगा। शिक्षा निदेशालय के मौखिक आदेश के बाद भी बच्ची को स्कूल में परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई।


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