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उत्तर-दक्षिण भारत को जोड़ रहा किसान आंदोलन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जंतर-मंतर पर 13 दिनों से चल रहा तमिलनाडु के किसानों का आंदोलन उत्तर और

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:08 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:08 AM (IST)
उत्तर-दक्षिण भारत को जोड़ रहा किसान आंदोलन
उत्तर-दक्षिण भारत को जोड़ रहा किसान आंदोलन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जंतर-मंतर पर 13 दिनों से चल रहा तमिलनाडु के किसानों का आंदोलन उत्तर और दक्षिण भारत के किसानों के साथ-साथ आम लोगों को भी जोड़ने का काम कर रहा है। भले ही भाषा की दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन राजस्थान, हरियाणा, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों का प्रतिनिधिमंडल धरनास्थल पर पहुंच रहा है और तमिलनाडु के किसानों की मांगों पर अपना समर्थन जता रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान तो भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में 27 मार्च को बड़ी तादात में इस आंदोलन के समर्थन में जंतर-मंतर पर जुटेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कल तमिलनाडु के किसानों के बीच पहुंचे और उनकी मांगों को पूरे देश के किसानों की मांग बताया।

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यह आंदोलन 12 मार्च से चल रहा है। ये किसान राज्य में आत्महत्या किए किसानों के कपाल भी साथ लाए हुए हैं। ये लोग कर्ज माफी के साथ-साथ कावेरी नदी जल विवाद के स्थाई समाधान और फसलों का उचित मूल्य देने की मांग कर रहे हैं।

लोनी रोड डीडीए फ्लैट में रहने वाली गृहणी वीना शर्मा, अर्चना एवं रमा शर्मा धरनास्थल पहुंचीं और किसानों की मदद के लिए पेशकश की। उनके पास पानी की बोतलें और बिस्कुट थे। वीना ने कहा कि उनके जैसी अन्य महिलाएं भी इनके भोजन का इंतजाम करना चाहती हैं। ¨हदी पट्टी के लोगों के मिल रही सहानुभूति से धरने पर बैठे तमिलनाडु के किसान गदगद हैं। कृष्णागिरी से आए किसान जेपी कृष्णनन के मुताबिक, भाषा भले ही अलग-अलग है, लेकिन रोजाना बड़ी तादात में कई राज्यों से किसान संगठनों के लोग आ रहे हैं। कोई पंजाब से तो कोई राजस्थान से। इससे हिम्मत बढ़ी है कि उनकी समस्याओं को यहां के किसान भी अपनी समस्या समझ रहे हैं।

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किसान ने की खुदकशी की कोशिश:-

13 दिनों से धरने पर बैठे तमिलनाडु के किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है। शनिवार को जंतर-मंतर पर दो युवा किसान नीम के पेड़ पर चढ़ गए और खुदकशी करने की कोशिश करने लगे। मौके पर तमिल फिल्म अभिनेता विशाल एवं तमिल फिल्म निर्देशक पांडीराज भी मौजूद थे। हालांकि, बाद में दोनों किसानों को पुलिस एवं साथी किसानों ने ही समझा बुझाकर उतार लिया, लेकिन इससे करीब एक घंटे तक पुलिस वालों की सांसे अटकी रहीं। वे उसी पेड़ पर चढ़े थे, जिसपर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सभा के दौरान किसान गजेंद्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।


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