अपने ही नियमों को नहीं मान रहा शिक्षा निदेशालय
आशुतोष झा, नई दिल्ली निजी स्कूलों को तो छोड़िए सरकारी स्कूलों में भी नर्सरी में अपने बच्चों का दाखि
आशुतोष झा, नई दिल्ली
निजी स्कूलों को तो छोड़िए सरकारी स्कूलों में भी नर्सरी में अपने बच्चों का दाखिला कराना अभिभावकों के लिए आसान नहीं है। इसका कारण आयु सीमा तय करने के लिए निजी स्कूलों के खिलाफ फरमान जारी करने वाली शिक्षा निदेशालय खुद अपने स्कूलों के लिए अधिकतम आयु सीमा तय कर रही है।
वर्तमान में नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ऐसे में जो अभिभावक अपने बच्चे का दाखिला कराने में असफल रहे हैं, वे इसके लिए आज भी परेशान हैं। पिछले दिनों नर्सरी दाखिले में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए निदेशालय ने दिशा-निर्देश जारी कर साफ किया था कि दाखिले के लिए बच्चों की आयु सीमा तय नहीं होगी। लेकिन निजी स्कूलों में नर्सरी के लिए दाखिला प्रक्रिया लगभग बंद होने के बाद पहली बार सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षा के लिए शिक्षा निदेशालय ने दाखिले की प्रक्रिया शुरू की तो बच्चों की आयु सीमा को ही आवेदन का मुख्य आधार बना दिया। दाखिला प्रकिया ऑनलाइन रखी गई है और पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मार्च तय की गई है। हालांकि, इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। अखिल भारतीय अभिभावक संघ ने इस पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखने की बात कही है।
नर्सरी में दाखिले के लिए शिक्षा निदेशालय ने बच्चे की आयु तीन वर्ष से अधिक तथा चार वर्ष से कम को मुख्य आधार माना है। वहीं, केजी में दाखिले के लिए बच्चे की आयु न्यूनतम चार वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष से कम मांगा गया है। इतना ही नहीं, पहली बार दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में भी उन्हीं बच्चों का दाखिला होगा, जिनकी आयु पांच वर्ष पूरी हो चुकी है, लेकिन छह वर्ष से कम है।
अखिल भारतीय अभिभावक संघ के प्रमुख और अधिवक्ता अशोक अग्रवाल का कहना है कि मैं इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखूंगा। दाखिला के लिए किसी तरह की अधिकतम आयु सीमा नहीं होनी चाहिए। यह बाल शिक्षा के अधिकार के खिलाफ है। नर्सरी दाखिला-2007 का एक रेगुलेशन है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि दाखिला के लिए न्यूनतम आयु तो है, लेकिन अधिकतम आयु की कोई सीमा नहीं है। नर्सरी दाखिला में सरकार ने जो विगत वर्ष अधिकतम आयु सीमा लगाई थी, हाई कोर्ट ने उस पर स्टे लगा दिया है। हाल में जो सर्कुलर निकाला गया, उसमें भी अधिकतम आयु की सीमा नहीं लगाई गई है। यह बाल अधिकार नियम के भी खिलाफ है। वहीं, इस संबंध में दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से बात करने की कोशिश की गई तो भेजे गए संदेश का उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।