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गांव के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाना आसान नहीं

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : अभी गर्मी शुरू नहीं हुई घरों की छतों पर रखी टंकियों में पानी चढ़ान

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Mar 2017 11:26 PM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2017 11:26 PM (IST)
गांव के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाना आसान नहीं
गांव के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाना आसान नहीं

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : अभी गर्मी शुरू नहीं हुई घरों की छतों पर रखी टंकियों में पानी चढ़ाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। इसके लिए आधे घंटे से एक घंटे तक बिजली का मोटर चलाना पड़ रहा है। फिलहाल, दिल्ली जल बोर्ड के पास जितना पानी उपलब्ध है उससे गांवों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। तीन दिन में एक बार आपूर्ति कर काम चलाया जा रहा है। इसमें भी अधिकतर गांवों के अंतिम छोर तक यह पानी नहीं पहुंच रहा है। अब जबकि, कॉलोनियों व गांवों में अतिरिक्त पाइप लाइन बिछाने के साथ पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। चूंकि, जल शोधन संयंत्रों की क्षमता नहीं बढ़ी है। ऐसे में गर्मी बढ़ने के साथ पानी की मांग बढ़ सकती है। ऐसे में गांवों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाना दिल्ली जल बोर्ड की राह आसान नहीं दिख रहा है

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दरअसल, द्वारका जल शोधन सयंत्र की क्षमता 50 एमजीडी है, 40 एमजीडी की क्षमता वाले नांगलोई जलशोधन सयंत्र से पानी भी पूरी क्षमता के साथ आपूर्ति की जा रही है। इसमें उपनगरी द्वारका, अनियमित कालोनियों के अलावा नजफगढ़ व मटियाला विधानसभा क्षेत्र के 40 गांव भी शामिल हैं। उपनगरी द्वारका स्थित कमांड टैंक पांच से मटियाला की कालोनियों व दिचाऊं भूमिगत जलाशय से नजफगढ़ के गांवों में पानी की आपूर्ति की योजना पर काम चल रहा है, लेकिन अभी इस योजना में देरी है। एक साल से पहले इन दोनों को शुरू होने में शंका व्यक्त की जा रही है। इसके बावजूद साढ़े तीन हजार से ज्यादा नए कनेक्शन दिए जा चुके हैं। अब भी पाइप लाइन बिछाने का काम जारी है। मई-जून तक एक से डेढ़ हजार नए कनेक्शन दिए जा सकते हैं। ऐसे में जितना पानी मौजूद है उसमें से ही जल बोर्ड को काम चलाना होगा। जानकार बताते हैं कि द्वारका जल शोधन सयंत्र अभी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहा है नया जल घर मिलने पर इसकी क्षमता बढ़ाई जा सकती है, लेकिन फिलहाल इसकी भी उम्मीद नहीं दिख रही है। -------------------------

जलशोधन संयंत्रों को नहरी पानी की कमी नहीं होगी। पूरा पानी मिलेगा तो पूरी क्षमता से काम करेंगी। पानी की आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शहर में ही नहीं, गांव में भी लोग बिजली का मोटर चलाकर छतों पर रखी टंकियों में पानी भरते हैं। अगर लोग ऐसा करना बंद कर दें तो गांव के ऊंचाई वाले छोर पर भी पानी पहुंच जाएगा। अब जो पानी की नई पाइप लाइन बिछाई जा रही है उससे पानी पूरे दबाव पर आएगा। भविष्य में इस तरह की समस्या नहीं आएगी।

-आरएस त्यागी, सदस्य, दिल्ली जल बोर्ड।


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