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डीएमआरसी ने स्वचालित मेट्रो में टक्कर का ठीकरा निर्माता कंपनी पर फोड़ा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : नवनिर्मित जनकपुरी पश्चिम-बोटेनिकल गार्डन (मेजेंटा लाइन) मेट्रो लाइन के काल

By Edited By: Published: Sat, 05 Nov 2016 07:27 PM (IST)Updated: Sat, 05 Nov 2016 07:27 PM (IST)
डीएमआरसी ने स्वचालित मेट्रो में टक्कर का ठीकरा निर्माता कंपनी पर फोड़ा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : नवनिर्मित जनकपुरी पश्चिम-बोटेनिकल गार्डन (मेजेंटा लाइन) मेट्रो लाइन के कालिंदी कुंज डिपो में स्वचालित मेट्रो ट्रेनों में टक्कर की बात से पहले इन्कार करने के बाद दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि दो ट्रेनों में टक्कर हुई थी। डीएमआरसी ने इस घटना के लिए स्वचालित मेट्रो ट्रेन की निर्माता कंपनी हुंडई रोटेम पर ठिकरा फोड़ा है। डीएमआरसी ने बयान जारी कर कहा है कि प्रथमदृष्टया कंपनी के कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। कंपनी घटना के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। डीएमआरसी के कार्यकारी जनसंपर्क निदेशक अनुज दयाल ने कहा कि उक्त कंपनी ने घटना की जांच शुरू करा दी है।

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डीएमआरसी का कहना है कि यह दो मेट्रो ट्रेनों के बीच आमने सामने की टक्कर का मामला नहीं है। बल्कि डिपो में पटरी बदलने की जगह पहले से खड़ी मेट्रो ट्रेन में अनधिकृत रूप से पीछे से आ रही दूसरी ट्रेन साइड से टकरा गई थी। घटना के वक्त ट्रेन की गति दो से तीन किलोमीटर प्रति घंटे थी। ट्रेन के केबिन में मौजूद ऑपरेटर पहले से खड़ी मेट्रो ट्रेन को देख नहीं सका। यह घटना डीएमआरसी की मेट्रो लाइन पर नहीं हुई थी। इसके अलावा उस ट्रेन का मेट्रो लाइन पर ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ था। डिपो के अंदर ही कंपनी के कर्मचारी ट्रायल कर रहे थे। इसलिए घटना की जिम्मेदारी डीएमआरसी की नहीं है बल्कि कंपनी की है। डीएमआरसी का कहना है कि कंपनी नुकसान की भरपाई करेगी।

चालक रहित स्वचालित मेट्रो डीएमआरसी की महत्वाकांक्षी परियोजना है। देश में पहली बार से मेट्रो ट्रेने चलाने की योजना है। इसके लिए डीएमआरसी 80 ट्रेनें खरीदेगा। जिसमें से करीब दो दर्जन ट्रेनें पहुंच भी चुकी हैं। इन ट्रेनों का परिचालन फेज तीन की दो नई मेट्रो लाइनों (जनकपुरी पश्चिम-बोटेनिकल गार्डेन और मुकुंदपुर -शिव विहार मेट्रो लाइन) पर होना है। डीएमआरसी का कहना है कि इस घटना से चालक रहित स्वचालित ट्रेनों के परिचालन से यात्रियों की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। यह बहुत सुरक्षित तकनीक है। डीएमआरसी की इन तमाम दलीलों के बावजूद कालिंदी कुंज डिपो में हुई घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली मेट्रो की इतिहास में यह अपनी तरह की पहली घटना है।


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