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बर्ड फ्लू के बाद अब भूख से मरने शुरू हुए प्रवासी पक्षी

राकेश प्रजापति, नई दिल्ली चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के बाद अब प्रवासी पक्षियों भूख से मर रहे हैं। खान

By Edited By: Published: Fri, 28 Oct 2016 01:05 AM (IST)Updated: Fri, 28 Oct 2016 01:05 AM (IST)
बर्ड फ्लू के बाद अब भूख से मरने शुरू हुए प्रवासी पक्षी

राकेश प्रजापति, नई दिल्ली

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चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के बाद अब प्रवासी पक्षियों भूख से मर रहे हैं। खाना न मिलने से कमजोर हो चुके एक रोसी पेलिकन के बच्चे की मरने की बात सामने आई है। चिड़ियाघर प्रशासन को केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से प्रवासी पक्षियों का भोजन पानी बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद प्रशासन ने पक्षियों को मछली और अन्य भोजन देना बंद कर दिया है। मंत्रालय द्वारा यह निर्णय यहां से पक्षियों को भगाने के लिए लिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर पक्षियों को यहां भोजन नहीं मिलेगा तो वह यहां से चले जाएंगे।

सूत्रों का कहना है कि जमीनी स्तर की जानकारी के बगैर मंत्रालय ने यह निर्देश दिया है और इस दौरान वहां से कोई अधिकारी चिड़ियाघर का दौरा करने नहीं आया। पेंटेड स्टॉर्क और रोसी पेलिकंस का चिड़ियाघर में प्रजनन शुरू हो चुका है और अंडों से बच्चे बाहर आ चुके हैं। खाना-पानी बंद होने से इनकी जान जा सकती है।

चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के हालात की बात करें तो प्रशासन का कहना है कि यह इस स्तर तक खतरनाक नहीं कि यहां पर पक्षियों को भगाने की नौबत आए। पुणे से आए वैज्ञानिक ने भी अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।

खाना-पानी बंद होने से चिड़ियाघर के तालाब के इर्द-गिर्द भूख से बिलखते बच्चे शोर मचा रहे हैं। अगर अंडे देने से पहले पक्षियों का खाना-पानी बंद कर दिया गया होता तो वह चले जाते, लेकिन अब वह बच्चों को छोड़कर नहीं जा रहे हैं। वे आसपास से खाना लाकर अपने बच्चों को बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं।

खाना न मिलने का असर पक्षियों की सेहत पर भी दिखना शुरू हो गया है। कमजोरी के कारण पक्षियों की चहल-पहल कम हो गई है। ऐसा भी माना जा रहा है कि पिछले तीन दिनों से खाना न मिलने के कारण कई पक्षियों के बच्चे दम भी तोड़ चुके हैं।

अभी बच्चों को उड़ने लायक होने में एक से डेढ़ महीने का समय लगेगा और ऐसे में अगर इन्हें खाना नहीं मिलेगा तो उनमें से एक का भी बचना संभव नहीं है। ऐसे में चिड़ियाघर प्रशासन की चिंता बढ़ रही है। अगर बच्चे बड़े नहीं होंगे तो अगले वर्ष के प्रवास पर इसका साफ असर दिखेगा और संभावना जताई जा रही है कि पक्षी दूसरे ठिकानों का भी रुख कर सकते हैं। आनन-फानन में मंत्रालय द्वारा जारी किए गए निर्देश चिड़ियाघर की समस्या को और बढ़ा रहे हैं।


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