गरीब बच्चियों में शिक्षा की अलख जगाती प्रियंका गांगुली
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली बिहार के मुंगेर में जन्मी प्रियंका गांगुली बचपन में स्कूल आते-जाते गरी
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली
बिहार के मुंगेर में जन्मी प्रियंका गांगुली बचपन में स्कूल आते-जाते गरीब बच्चियों को देखती तो मन में टीस सी उठती कि आखिर इन बच्चियों का क्या कसूर है जो ये शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रही। दिल्ली में कालेज में दाखिला लिया तो जंगपुरा, हजरत निजामुद्दीन में बच्चियों को पढ़ाने का सिलसिला शुरू किया। वर्तमान में मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हुए हफ्ते में दो दिन न केवल बच्चियों को शिक्षित करती हैं, बल्कि झुग्गी बस्तियों में महिलाओं को प्राथमिक शिक्षा देकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं।
प्रियंका गांगुली कहती हैं कि उनके पिता की बुआ की शादी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भाई से हुई है। लिहाजा बचपन से ही समाज के प्रति जिम्मेदारी का बखूबी भान था। अक्सर स्कूल जाते समय गरीब बच्चियों को देखती तो मन पसीज जाता। आखिर भारत तभी विकसित हो सकता है जब महिलाएं शिक्षित होगी। इसी मकसद से बच्चियों को पढ़ाने की पहल की। 25 साल पहले दिल्ली आई तो यहां भी झुग्गी बस्तियों में पढ़ाने जाती रहीं। यहां बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने के दौरान कुछ समय तक बच्चियों से दूर रहीं, लेकिन दो साल पहले फिर से जंगपुरा, निजामुद्दीन बस्तियों में गरीब बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। कहती हैं, इससे मन को शांति मिलती हैं। सुकून मिलता है कि समाज और देश की तरक्की में योगदान दे रही हूं।
प्रियंका गांगुली झुग्गी बस्तियों में आने के दौरान जब महिलाओं से मिलीं तो पता चला कि परिवार नियोजन के प्रति जानकारी नगण्य हैं। इसलिए एक-एक परिवार में चार से पांच बच्चे हैं। इसलिए मैंने महिलाओं को जागरूक करने की ठानी और प्रत्येक महिला से मिलकर उन्हें न केवल प्राथमिक शिक्षा दें रही हूं, बल्कि समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की पहल कर रही हूं। कई महिलाएं शिक्षित हो नौकरी भी कर रही है।