ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं भी मय्यसर नहीं
पूठकलां गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां पर सफाई व्यवस्था बदहाल है। इलाके के पार्को में भी
पूठकलां गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां पर सफाई व्यवस्था बदहाल है। इलाके के पार्को में भी अव्यवस्था फैली हई है। सामुदायिक भवन बदहाल है। देखरेख के अभाव में चौपाल खंडहर में तब्दील हो गया है। ग्रामीणों ने इन समस्याओं के समाधान के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभाग के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन उनकी ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं किए जाते हैं।
22 हजार है आबादी
गांव की आबादी लगभग 22 हजार है। यहां सभी समुदाय और वर्ग के लोग निवास करते हैं। ग्रामीणों के जीवनयापन का आधार पहले खेती थी, लेकिन अब यहां के लोग नौकरी और व्यवसाय भी करने लगे हैं।
ऐतिहासिक विशेषता
पूठकलां गांव के इतिहास के बारे में बुजुर्गो की अलग-अलग राय है। कोई गांव को 500 साल पुराना तो कोई इससे भी ज्यादा पुराना। बुजुर्ग बताते हैं कि राजस्थान के गांव से दो भाई परिवार सहित आए थे। इनमें से बड़े भाई परिवार के साथ पूठकलां में और छोटे भाई पालम में बस गए। इसके बाद धीरे धीरे अन्य लोग भी गांव में आकर बस गए। ग्रामीण बताते हैं कि 14 राजपूत राणा भाइयों ने गांव की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उनकी वीरता को गांव के लोग आज भी नमन करते हैं। प्रहलादपुर बांगर मोड़ पर स्थित दादा चौदह राणा मंदिर प्रमुख श्रद्धा का केंद्र है, जिसमें ग्रामीणों की गहरी आस्था है। इस मंदिर में आसपास के गांव के लोग भी पूजा करने के लिए आते हैं। दादा गुसाई मंदिर और शिव मंदिर में भी लोगों की काफी आस्था है।
पार्क में फैली है अव्यवस्था
गावं में स्थित नेताजी सुभाष पार्क में चारों तरफ अव्यवस्था फैली हुई है। इस कारण पार्क में टहलने आने वाले लोगों को और बच्चों को खेलने में परेशानी होती है। देखरेख के अभाव में पार्क में बड़ी-बड़ी घास उग आई हैं और चारदीवारी टूट गई हैं। कई बार पार्क में सांप और बिच्छू भी देखे गए हैं। ग्रामीणों ने पार्क में सुविधा बढ़ाने के लिए कई बार जिम्मेदारों से निवेदन किया, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण इसकी सुध नहीं ली गई। खास बात तो यह है कि पार्क में सुरक्षा के भी इंतजाम नहीं हैं। शाम होते ही यहां पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगता है, जो पार्क में टहलने वाले बुजुर्गो और महिलाओं को परेशान करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पार्क की अव्यवस्थाओं को खत्म करने के लिए जिम्मेदारों को ध्यान देना होगा ताकि लोगों को पार्क का लाभ मिल सके।
बदहाल है सामुदायिक भवन
गांव का सामुदायिक भवन देखरेख और मरम्मत के अभाव में बदहाल है। लंबे समय से ग्रामीण खुद पैसा इकट्ठा कर इसकी मरम्मत का काम कराते हैं। इस संबंध में कई बार जनप्रतिनिधियों और संबंधित अधिकारियों को शिकायत की गई। इसके बाद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों इसे ठीक कराने का आश्वासन भी दिया था, जिसके बाद भी कार्य शुरू नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जरूरत होने पर सामुदायिक भवन की बु¨कग ही नहीं मिलती। इसके लिए कई बार चक्कर लगाने पड़ते है। गांव के सक्षम लोग निजी लॉन किराये पर ले लेते हैं। ऐसे में गरीब जनता को सार्वजनिक कार्यक्रम करने के लिए जगह की तलाश में भटकना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए भी कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की जा रही। गामीणों की मांग है कि नए सामुदायिक भवन के निर्माण की कार्रवाई तेजी से की जाए ताकि लोगों की परेशानी खत्म हो सके।
खंडहर में तब्दील हुई पिछोचिया पाना चौपाल
यहां पर पुरानी पिछोचिया पाना चौपाल देखरेख और समय पर मरम्मत के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गया है। इसकी सफाई कराने और सुधारने के लिए ग्रामीणों ने कई बार निवेदन किया, लेकिन जिम्मेदारों ने समय रहते उनकी मांग पर ध्यान ही नहीं दिया। अधिकारियों के उदासीन रवैए के चलते चौपाल में जगह-जगह कचरा और कूड़ा भी एकत्रित हो गया। इसकी दीवारों में अब दरार भी आ गई हैं। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से चौपाल को बंद कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते चौपाल की मरम्मत का काम होता तो लोगों को इसका लाभ मिलता। ग्रामीणों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द दोबारा चौपाल का निर्माण कराए ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें। इसके लिए ग्रामीण जल्द ही जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपने पर विचार भी कर रहे हैं।
कोट----
गांव के लोग जाम की समस्या से परेशान हैं। यहां पर कंझावला रोड पर वर्षो से जाम लग रहा है। इस संबंध में कई बार शिकायती आवेदन दिए गए, लेकिन समस्या के निदान के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई। रिठाला मोड़, नांगलोई मोड़, प्रहलादपुर मोड़ और सुल्तानपुरी कृष्णविहार मोड़ पर दिनभर यातायात ठप रहता है। -आशु सोलंकी
दिल्ली जल बोर्ड ने एक वर्ष पूर्व पाइपलाइन के लिए सड़क की खोदाई कर दी। इसकी मरम्मत के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई, जिसके चलते सड़क कई जगह से गड्ढे में तब्दील हो गई है। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन राहत नहीं मिली। -प्रदीप कौशिक
गांव के अंदर की गलियां और सड़कें बदहाल हैं। सर्वोदय विद्यालय, नगर निगम विद्यालय और डिस्पेंसरी तथा प्रसूति केंद्र के सामने सड़क पर गहरे गड्ढे होने से स्कूल के विद्यार्थियों सहित आने-जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है। -सूरज सोलंकी
गांव में अवैध औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं, जो वातावरण को प्रदूषित कर रही हैं, जिसका बुरा प्रभाव ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इन इकाइयों के बंद होने का कोई समय नहीं है। हमारी मांग है कि जिम्मेदार अधिकारी प्रदूषण रोकने और इकाइयों के चलने की समय सीमा तय करें, जिससे लोगों को परेशानी न हों। -प्रदीप
गांव में साफ-सफाई के कोई पुख्ता प्रबंधन नहीं है। यहां पर सफाईकर्मी नालियों से गाद निकालकर किनारे ही छोड़ जाते हैं और सूखने के बाद उसे उठाते नहीं है। इस कारण कचरा दोबारा नालियों में ही चला जाता है। ऐसे में जल निकासी प्रभावित होती है। बारिश होने पर गांव में गलियों का पानी भर जाता है। - निर्मला देवी
गांव की समस्याओं को दूर करने के लिए कई बार जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की गई। इसके बावजूद ग्रामीणों की समस्या को दूर करने के लिए कोई उचित प्रबंधन नहीं किए जा रहे हैं। जिम्मेदारों के उदासीन रवैए के कारण आम जनता परेशान हो रही है। हमारी मांग है कि समस्याओं को दूर करने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। -दयानंद कौशिक
गांव में प्राथमिकता के अनुसार ग्रामीणों की समस्या को दूर किया जा रहा है। इसके लिए हम क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं। गांव में नए सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। साथ ही पुराने चौपाल की भी मरम्मत करने की योजना है। पार्को के सुंदरीकरण के लिए भी कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा गांव में सड़क और गलियों को दुरुस्त कराने के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी तेजी से काम हो रहा है। दिल्ली सरकार लगातार जनता की समस्याओं को खत्म करने और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इसके लिए नीतियों का निर्माण भी किया जा रहा है, जिसका फायदा भी जनता को मिलने लगा है। सरकार को विकास कार्यो में जनता का भी सहयोग मिल रहा है। -वेद प्रकाश, विधायक, बवाना
नगर निगम की तरफ से अधिकारियों को साफ-सफाई के बेहतर इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर इलाके में निरीक्षण किया जाता है। जनता की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा। कहीं कोई दिक्कत है तो जनता सीधे निगम के अधिकारियों को जानकारी दे। लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। निगम की तरफ से साफ-सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। -योगेंद्र मान, प्रवक्ता, उत्तरी दिल्ली नगर निगम