रिहायशी इलाकों में चल रही फैक्ट्रियां बंद हों : एनजीटी
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में अवैध रूप से चल रही फैक्ट्रियों को लेकर न
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में अवैध रूप से चल रही फैक्ट्रियों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नाराजगी जाहिर की है। साथ ही केंद्र व दिल्ली सरकार को इन्हें तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है।
एनजीटी के न्यायमूर्ति यूडी साल्वी की पीठ ने बीएसईएस व जल बोर्ड को इन फैक्ट्रियों के बिजली-पानी कनेक्शन काटने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार व सभी एजेंसियां सुप्रीम कोर्ट के 2004 में दिए गए उस आदेश का पालन कराना सुनिश्चित करे, जिसमें रिहायशी इलाकों में फैक्ट्रियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। ये केवल औद्योगिक इलाके में ही चल सकती हैं।
एनजीटी ने कहा कि एक दशक बीतने के बाद भी इन फैक्ट्रियों का आतंक बरकरार है और स्थानीय एजेंसियों को इनसे लड़ना पड़ रहा है। एनजीटी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को निर्देश दिया कि वह उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मंडोली के रिहायशी इलाके में सर्वे करे और दो माह में रिपोर्ट तैयार कर दें कि वहां फैक्ट्रियां चल रहीं हैं या नहीं। अगर ऐसा है तो वहां रहने वाले लोगों को इससे मुक्त कराया जाएं।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि इन फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी डीडीए व पूर्वी दिल्ली नगर निगम की है। वहीं, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन को बंद, प्रतिबंधित या नियंत्रित कर सकती हैं।
पेश मामले में पूर्वी दिल्ली निवासी कमल किशोर ने याचिका दाखिल की थी कि मंडोली स्थित अवैध फैक्ट्रिया प्रदूषण फैला रही हैं। उन पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। फैक्ट्री में टायर, तेल व अन्य प्रकार के केमिकल जलाए जा रहे हैं। यह स्थानीय लोगों की सेहत के लिए घातक है। याची ने पीठ के समक्ष धुएं के बादल की वीडियो भी पेश की थी।