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राजधानी में हर दिन 18 अपहरण

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली राजधानी की सड़कें और मोहल्ले असुरक्षित होते जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस के आ

By Edited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 01:06 AM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 01:06 AM (IST)
राजधानी में हर दिन 18 अपहरण

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली

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राजधानी की सड़कें और मोहल्ले असुरक्षित होते जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां हर दिन 18 लोगों का अपहरण होता है, जबकि बड़ी संख्या में बच्चों, किशोरों, युवक-युवतियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होती है। महज साढ़े सात महीने में ही दिल्ली में अपहरण के 4336 मामले दर्ज हो चुके हैं। अपहरण और गुमशुदगी के पीछे एक बड़ा कारण मानव तस्करी माना जा रहा है। देहव्यापार और बालश्रम के लिए मानव तस्करी हो रही है।

दिल्ली पुलिस के ताजा आंकड़ों के अनुसार 15 अगस्त तक दिल्ली के विभिन्न जिलों से 4336 लोगों का अपहरण हो चुका है। रंगदारी के लिए 14 अपहरण हुए। वर्ष 2001 में अपहरण के 1627 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 15 साल में अपहरण के मामले में साढ़े चार गुना वृद्धि हो गई। वर्ष 2015 में अपहरण के 7694 मामले दर्ज किए गए। जानकारों की मानें तो बदमाशों के निशाने में 12 से 22 साल के लड़के व लड़कियां अधिक रहती हैं। वर्ष 2015 में 12 से 18 वर्ष के लड़कों और 3715 किशोरी-युवतियों की गुमशुदगी दर्ज की गई।

मानव तस्करी पर काम करने वाले जानकारों की मानें तो कई उद्देश्यों के लिए बच्चों, किशोरों, युवक-युवतियों का अपहरण किया जाता है। कुछ गैंग नि:संतान माता-पिता की डिमांड पर बच्चों का अपहरण करते हैं और फिर उन्हें मोटी कीमत पर बेच देते हैं। शनिवार को भी बाड़ा ¨हदूराव अस्तपाल से एक महिला ने छह महीने की बच्ची को चुरा लिया था। हालांकि पुलिस की मुस्तैदी के कारण बच्ची को नौ घंटे में ही बरामद कर लिया गया था, लेकिन हर मामले में ऐसा नहीं हो पाता। 12 से 20 साल की लड़कियों का अपहरण देहव्यापार के लिए होता है। 12 से 22 साल के लड़कों का अपहरण बाल श्रम के लिए होता है, जिन्हें दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। कुछ गैंग दुबई या अन्य देशों में तस्करी करने कि लिए युवती का अपहरण करते हैं।

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माता-पिता की व्यस्तता का उठाते हैं फायदा

एलायंस फॉर पीपुल्स राइट की संरक्षक रीना बनर्जी कहती हैं कि दिल्ली में बच्चों, किशोरों, युवक-युवतियों के अपहरण का कारण यह है कि यहां ज्यादातर परिवार बाहर से आए हैं। नौकरी और अन्य कार्य से माता-पिता व्यस्त रहते हैं और बच्चे घर पर अकेले रहते हैं। ऐसे में गैंग इन बच्चों को आसानी से शिकार बना लेते हैं।

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सफल नहीं रहा पुलिस का ऑपरेशन मिलाप

राजधानी के विभिन्न जिलों से हर दिन गायब होने वाले बच्चों, किशोर, युवक-युवतियों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन मिलाप अभियान भी सफल नहीं हो सका। पुलिस ने कई बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाया, लेकिन बीच-बीच में अभियान की गति कम होने कारण यह सफल साबित नहीं हुआ।


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