डीएनडी पर धरने में हाई कोर्ट का हस्तक्षेप से इन्कार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) मामले में चल रहे धरने
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) मामले में चल रहे धरने में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा की खंडपीठ ने टोल वसूलने वाली कंपनी (नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड) द्वारा दायर उस आवेदन को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने धरने पर रोक लगाने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि कुछ लोग टोल प्लाजा पर धरना दे रहे हैं। वे टोल वसूली में बाधा पंहुचा रहे हैं। प्रशासन ने भी मामले में चुप्पी साध रखी है। ऐसे में संबंधित विभागों व पुलिस को धरने पर बैठे लोगों को हटाने का निर्देश दिया जाए। खंडपीठ ने असहमति जताते हुए कहा कि इस मामले में पहले से ही दायर याचिका में आप प्रतिवादी हैं और आप याचिकाकर्ता के खिलाफ ही आदेश लेने आए हैं। ऐसे में अदालत इस मुद्दे पर कोई राहत नहीं देगी। यदि कोई अन्य राहत की मांग हो तो बता सकते हैं या फिर संबंधित पक्ष के पास जा सकते हैं। खंडपीठ ने कहा कि यह मामला उत्तर प्रदेश सरकार से संबंधित है और वही कोई कार्रवाई कर सकती है। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसके बाद शाम को याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि फ्लाईवे व टोल प्लाजा के निर्माण में दिल्ली व उत्तर प्रदेश सरकार के नौकरशाहों की भूमिका व भ्रष्टाचार की जाच करवाने के मुद्दे पर हाई कोर्ट में चार याचिकाएं लंबित हैं। कंपनी ने याचिकाकर्ता नवाब सिंह नागर मामले में यह आवेदन दायर किया था। इससे पूर्व दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को बताया था कि एनसीआर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और इसके पदाधिकारियों द्वारा दायर अन्य याचिका पर भ्रष्टाचार के आरोप संबंधी मुद्दे की जांच के लिए लिए आयोग बनाने का निर्णय लिया है।