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एनआइए अधिकारी के हत्यारोपी ने की थी 1.5 करोड़ की लूट

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के बेहद भीड़भाड़ व पॉश इलाका कमला नगर में सिटी बैंक के एट

By Edited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 01:04 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 01:04 AM (IST)
एनआइए अधिकारी के हत्यारोपी 
ने की थी 1.5 करोड़ की लूट

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली:

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उत्तरी दिल्ली के बेहद भीड़भाड़ व पॉश इलाका कमला नगर में सिटी बैंक के एटीएम में कैश डालने आए साइंटिफिक सिक्योरिटी मैनेजमेंट सर्विसेज के सुरक्षा गार्ड को सरेआम गोली मार 1.5 करोड़ रुपये लूटने की गुत्थी 19 महीने बाद उत्तरी जिला पुलिस ने सुलझा ली है। उक्त सनसनीखेज वारदात को एनआइए अधिकारी मो. तंजील अहमद के हत्यारोपी मुनीर ने ही आशुतोष नाम के बदमाश के साथ मिलकर अंजाम दिया था। फरार मुनीर की गिरफ्तारी पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2 लाख रुपये का इनाम रखा है। मुनीर का आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से भी लिंक होने की बात सामने आ रही है।

चर्चित कमला नगर लूट की वारदात आखिरकार सुलझ तो गई लेकिन इस वारदात ने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खडे़ कर दिए हैं। घटना के कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने कबीर बस्ती, मलकागंज की एक संकरी गली से उस खाली ब्रीफकेश को बरामद कर लिया था, जिसमें रखे हुए 1.5 करोड़ को लेकर दोनों बदमाश फरार हुए थे। पुलिस ने उस इलाके में घर-घर तलाशी लेने व पूछताछ के दावे किए थे। जबकि जहां पर ब्रीफकेश मिला था वहां से महज 50 कदम की दूरी पर दोनों एक घर में रात भर ठहरे थे, लेकिन पुलिस उन्हें नहीं ढूंढ पाई।

बृहस्पतिवार को लखनऊ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए आशुतोष मिश्रा ने पूछताछ में यह खुलासा किया है। उसे सात दिनों के लिए पुलिस ने रिमांड पर लिया गया है। मुनीर व आशुतोष मिश्रा दोनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाश हैं। बीते अप्रैल में मारे गए एनआइए के डिप्टी एसपी मो. तंजील अहमद का मुनीर दूर का रिश्तेदार बताया जा रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुनीर व आशुतोष ने नवंबर 2014 के पहले हफ्ते लखनऊ में भी कमला नगर की तरह की वारदात को अंजाम दिया था। मुनीर ने एक बैंक में कैश डालने आए सिक्योरिटी कंपनी के गनमैन को सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद मुनीर व आशुतोष करीब 80 लाख रुपये लूटकर बाइक से भाग गए थे। कमला नगर लूट की घटना से एक दिन पहले मुनीर ने टैक्सी करने के लिए मोबाइल अॅान कर कॉल कर दी थी, जिससे लखनऊ पुलिस को दोनों के लोकेशन का पता लग गया था। घटना के अगले दिन 30 नवंबर को लखनऊ पुलिस ने जब कबीर बस्ती में छापा मारा तब आशुतोष मिश्रा पुलिस के हत्थे चढ़ गया था जबकि मुनीर मौके से भागने में कामयाब हो गया था।

एसआई को सूचना मिलने पर सुलझी गुत्थी

कमला नगर लूट की तफ्तीश जितने भी तरह से की जा सकती थी की गई। टेक्निकल तफ्तीश जैसे डंप डेटा में भी कुछ नहीं आ सका था। जिस दौरान घटना घटी रूप नगर थाने में तैनात एसआइ प्रवीण को आशुतोष के बारे में जानकारी मिली थी। कुछ समय बाद उसका तबादला सब्जीमंडी कर देने से उसे तफ्तीश में शामिल नहीं किया गया। जिससे केस की गुत्थी नहीं सुलझ पा रही थी। कुछ दिनों पूर्व प्रवीण को जब दोबारा आशुतोष व मुनीर के बारे में सुराग मिला तब आला अधिकारी को बताया गया। बृहस्पतिवार को पूछताछ के लिए आशुतोष को लखनऊ जेल से दिल्ली लाया गया। पूछताछ में उसने लूटपाट की बात कबूल कर ली।


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