गिड़गिड़ाती रही मां पुलिस ने करा दिया बेटी का अंतिम संस्कार!
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : बेटी का शव सौंपने के लिए मां गिड़गिड़ाती रही, लेकिन पुलिस का दिल नही
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : बेटी का शव सौंपने के लिए मां गिड़गिड़ाती रही, लेकिन पुलिस का दिल नहीं पसीजा। मां का आरोप है कि पोस्टमार्टम के बाद बेटी का शव सौंपने के बजाए पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार करा दिया। सूचना के बाद मौके पर पहुंचीं दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने जब दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी से इसका कारण पूछा तो उन्होंने इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस द्वारा उठाया गया कदम बताया। डीसीडब्ल्यू ने इसको लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
डीसीडब्ल्यू की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बृहस्पतिवार को इंद्रापुरम में 13 वर्ष की लड़की का शव उसके कमरे में मिला था। पुलिस ने इसे आत्महत्या कहा था, जबकि परिजनों का कहना था कि उसके साथ दुष्कर्म कर हत्या की गई है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने मां को बताया कि नाबालिग ने आत्महत्या की थी। मां ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर संदेह जताया। इसके बावजूद पुलिस ने तत्काल शव को जीप में डाला। पिता को भी जीप में बैठाया। जब मां ने बैठने का प्रयास किया तो उसे रोक दिया गया। पिता से मोबाइल फोन भी ले लिया गया। लड़की की मां को लगा कि शव को घर ले जाया जा रहा है, लेकिन पुलिस शव को ग्रीन पार्क स्थित श्मशान घाट ले गई। संदेह होने पर मां भी जीप के पीछे-पीछे श्मशान घाट पहुंच गई। वहां देखा कि पुलिसकर्मी बेटी का अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे हैं। उसने पुलिसकर्मियों को रोकने का प्रयास किया। उनके सामने गिड़गिड़ाती रही, लेकिन उन्होंने एक न सुनी और लड़की का अंतिम संस्कार करा दिया। सूचना के बाद मौके पर स्वाति मालीवाल पहुंचीं। उन्होंने देखा कि श्मशान घाट में स्थानीय एसीपी सहित काफी संख्या में पुलिस अधिकारी हैं। कुछ ही समय में डीसीपी भी वहां पहुंच गए। पूछताछ करने पर जानकारी मिली की पुलिस ने इसकी सूचना स्थानीय एसडीएम तक को नहीं दी।
स्वाति मालीवाल ने कहा कि पुलिस की यह हरकत अमानवीय है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट के पंडित को ढाई घंटे पहले ही तैयारी करने लिए कह दिया था, जबकि उस समय तक पोस्टमार्टम प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई थी। डीसीपी को नोटिस देने के साथ ही मामले की जांच भी की जाएगी। वहीं डीसीपी सुरेंद्र कुमार का कहना है कि परिवार की सहमति के बाद ही अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस पर लगाए गए आरोप गलत हैं।