एलजी से अधिकारों को लेकर चल रहे मामलों की सुनवाई पर लगे रोक: दिल्ली सरकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें दिल्ली सरकार ने मांग की थी कि सरकार व उपराज्यपाल (एलजी) के बीच अधिकारों को लेकर चल रहे मामलों की सुनवाई पर रोक लगाई जाए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार व उपराज्यपाल (एलजी) के बीच अधिकारों को लेकर चल रहे मामलों की सुनवाई पर रोक लगाई जाए। केंद्र व राज्य सरकार के बीच चल रहे इस विवाद का निपटारा संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केवल सुप्रीम कोर्ट ही कर सकता है। यह तर्क देते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार को हाई कोर्ट मे याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति जयंतनाथ की खंडपीठ ने सुनवाई पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए केंद्र सरकार से जबाव-तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी।
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खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जुलाई के अंत तक पर पूरी करने के लिए समय सीमा तय की है। किसी भी हालत में सुनवाई रोकी नहीं जा सकती है। दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। ऐसे मे विवाद संबंधी याचिकाओं की सुनवाई पर फिलहाल रोक लगाई जाए।
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गौरतलब है कि दिल्ली में कानून व्यवस्था से लेकर नियुक्तियों आदि को लेकर केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच विवाद चल रहा है। केंद्र का तर्क है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है और एलजी के पास ही सभी शक्तियां हैं। दिल्ली सरकार का तर्क है कि राजधानी में कानून व्यवस्था, भूमि व नियम बनाने का अधिकार ही केंद्र के पास है। इसके अलावा अन्य सभी कामकाज दिल्ली सरकार के दायरे में आते है। दिल्ली सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार उपराज्यपाल के जरिए उसके अधिकार क्षेत्र का हनन कर काम में बाधा डाल रही है। केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर करीब एक दर्जन याचिकाएं हाई कोर्ट में लंबित है।