Move to Jagran APP

दिल्ली सरकार का बजट तैयार, मुहर का इंतजार

आशुतोष झा, नई दिल्ली दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार द्वारा विधानसभा में प

By Edited By: Published: Wed, 16 Mar 2016 10:03 PM (IST)Updated: Wed, 16 Mar 2016 10:03 PM (IST)
दिल्ली सरकार का बजट तैयार, मुहर का इंतजार

आशुतोष झा, नई दिल्ली

loksabha election banner

दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किया जाने वाला दूसरा बजट तैयार हो चुका है। स्वीकृति हासिल करने के लिए प्रारूप केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। वहां से सहमति मिलने के बाद ही 28 मार्च को सरकार विधानसभा में बजट पेश करेगी।

आम तौर पर सरकारें लोक लुभावन बजट ही पेश करती हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वित्त विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बजट में शहर के गरीब तबके के लोगों पर ज्यादा मेहरबान हो सकते हैं। गत वर्ष की तरह स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र में स्थिति सुधारने के लिए अधिक जोर होगा। ऐसे संकेत हैं कि केजरीवाल दिल्ली के लोगों पर कोई नया कर नहीं लगाएंगे। गत वर्ष विलासिता कर में की गई बढ़ोतरी को कम करने की कारोबारियों ने जो गुजारिश की है, सरकार इसमें संशोधन कर सकती है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2016-17 के बजट को अंतिम रूप दे दिया है। सूत्रों की माने तो सरकार चालू वित्त वर्ष 2015-16 के बजट के योजना मद का 50 फीसद हिस्से को विकास कार्यो पर खर्च करेगी।

बजट में कई योजनाओं का प्रावधान

बता दें कि वित्त वर्ष 2013-14 व 2014-2015 में सरकार ने बजट का 65 फीसद हिस्सा समाज कल्याण के हिस्से में रखा था। आगामी बजट में भी इस मद में कोई कटौती नहीं की गई है। इसके अलावा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छी खासी रकम का आवंटन किया जाएगा। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड की संख्या तो दोगुना करने की योजना है। इसके लिए भी बजट में प्रावधान किया जाएगा। इस वर्ष के आखिर तक दिल्ली में एक हजार मोहल्ला क्लीनिक तैयार करने में फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी। बिजली व पानी के बिल पर जारी सब्सिडी के साथ-साथ शहर की सार्वजनिक परिवहन सेवा को दुरुस्त करने के इरादे से नई बसों की खरीद, नए बीआरटी कॉरिडोर सहित अन्य परियोजनाओं के लिए आगामी बजट में पर्याप्त धन राशि का प्रावधान किया जाएगा। शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने को लेकर जो उपाय हो सकते हैं, उसके लिए भी बजट में पर्याप्त प्रावधान किया जाएगा। गत एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान इस दिशा में काम शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

बाक्स -

इसलिए लेनी होती है केंद्र सरकार से मंजूरी

दिल्ली चूंकि संघ शासित प्रदेश है। इस लिहाज से दिल्ली का अपना कोई पब्लिक एकाउंट नहीं है। सरकार जो भी खर्च करना चाहती है या प्रस्ताव है, उसके बारे में पहले उपराज्यपाल और केंद्र सरकार से इजाजत लेनी होती है। इसलिए परंपरा रही है कि बजट प्रस्तुत करने से पहले दिल्ली सरकार बजट का प्रारूप केंद्र सरकार को भेजती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.