खल रही जिला न्यायालय से उपभोक्ता अदालत की दूरी
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : उपनगरी के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला न्यायालय द्व
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : उपनगरी के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला न्यायालय द्वारका में बनाया गया। चूंकि द्वारका क्षेत्र के उपभोक्ता से जुड़े मामले के लिए यहीं पर उपभोक्ता अदालत शेखसराय में ही है। इन दोनों की बीच की दूरी 20 किलोमीटर है। व्यस्त समय में सड़कों से गुजर कर यहां तक पहुंचना वकीलों को ही नहीं, उनके मुवक्किलों का भी भारी पड़ने लगा है।
द्वारका से शेखसराय के लिए कोई सीधा परिवहन का साधन भी नहीं है। यहां से एक तरफ का रास्ता तय करने में डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है। ऐसे में यहां के निवासियों को हैरानी इस बात की हो रही है कि अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। परेशानी इस बात की होती है कि वहां जाकर शिकायत दर्ज कराने के बाद तारीखों पर समय पर पहुंचना मुश्किल होता है। ऐसे में अधिकांश लोग शिकायत करने के बाद चुप रहना बेहतर समझते हैं। यदि सरकार चाहे तो द्वारका कोर्ट परिसर में ही कन्ज्यूमर कोर्ट खोल सकती है, जहां इसके लिए पर्याप्त स्थान भी है।
स्थानीय निवासियों का भी तर्क है कि उपनगरी में उपभोक्ता अदालत का होना आवश्यक है। सरकार भी इस बात को मानती है। इसलिए उपभोक्ताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रचार माध्यमों का सहारा लिया जाता है। इस प्रचार-प्रसार पर काफी पैसा बहाया जाता है, लेकिन शेखसराय में उपभोक्ता अदालत किराये के कमरे में चल रही है, जबकि द्वारका में ही कई स्थानों पर उपभोक्ता अदालत खोली जा सकती है।
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यह मामला गंभीर है। इसके ऊपर विचार-विमर्श करने के बाद कोई कदम उठाया जाएगा।
-भावना गौड़, विधायक, पालम विधानसभा क्षेत्र।