चालान काटने के लिए पेड़ों के पीछे छिप जाती है दिल्ली पुलिस
यातायात पुलिस के सिपाही का ध्यान केवल चालान का लक्ष्य पूरा करने के लिए पेड़ों के पीछे छिपकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने पर रहता है। इससे राजधानी में यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यह टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति बीडी अहमद व
नई दिल्ली। यातायात पुलिस के सिपाही का ध्यान केवल चालान का लक्ष्य पूरा करने के लिए पेड़ों के पीछे छिपकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने पर रहता है। इससे राजधानी में यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यह टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति बीडी अहमद व संजीव सचदेव की खंडपीठ ने यातायात पुलिस अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
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खंडपीठ ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में पुलिसकर्मी सड़कों के बीच में खड़े होते हैं, जिससे चालक नियम तोड़ने से डरता है। वह नियम तोड़ने वालों को रोक कर चालान करते हैं, लेकिन दिल्ली में पुलिसकर्मी पेड़ों के पीछे छिपकर चालकों का इंतजार करते हैं क्योंकि उन्हें चालान का लक्ष्य पूरा करना होता है।
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अदालत ने यातायात पुलिस अधिकारियों से सवाल पूछते हुए कहा कि आप लोग नियम तोड़ने वालों को बर्दाश्त क्यों करते हैं। वाहनों को गलत दिशा में चलने क्यों दिया जाता है। खंडपीठ ने यातायात पुलिस के संयुक्त आयुक्त को निर्देश दिया कि उन जगहों, जहां पर अक्सर जाम रहता है नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर कार्रवाई करना तुरंत सुनिश्चित करें। वह यह सुनिश्चत करें कि दिल्ली में यातायात नियमों का उल्लंघन बर्दाशत नहीं किया जाएगा। इससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी। यह दिल्ली के लोगों की सुरक्षा व सेहत के लिए जरूरी है।
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अदालत राजधानी में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के मसले पर स्वत: संज्ञान लिए एक मामले में सुनवाई कर रही थी। अदालत ने 20 अक्टूबर को यातायात पुलिस को जाम पर अपनी कार्य योजना व इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट संबंधी निर्देश पूरा न होने पर उससे जवाब-तलब किया।
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यातायात पुलिस ने बताया कि उसने फरवरी में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनजमेंट संबंधी अपनी योजना गृहमंत्रलय के पास जमा की थी। उस पर कई सौ करोड़ रुपये व्यय होने हैं। योजना गृहमंत्रलय के पास लंबित है। अदालत ने पूर्व में जारी आदेशों का पालन न करने पर केंद्र व दिल्ली सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए अगली सुनवाई तक अपनी रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिया है।