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मुखबिरी के शक में मारा गया चिकना उर्फ अमित

-------------------------------------- स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली : जेल से छूटने के बाद अपराध की

By Edited By: Published: Sun, 11 Oct 2015 01:02 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2015 01:02 AM (IST)
मुखबिरी के शक में मारा गया चिकना उर्फ अमित

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स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली : जेल से छूटने के बाद अपराध की दुनिया को छोड़ने की चाहत चिकना उर्फ अमित के साथियों को नागवार गुजर रही थी। उन्हें यह भी शक था कि चिकना पुलिस के लिए मुखबिरी करने लगा है। इसी वजह से कथित तौर पर सत्ते और उसके साथियों ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया। बहरहाल सत्ते-चिकना गैंग की कहानी पूरी फिल्मी है।

पुलिस के मुताबिक, सोनू चिकना जब मात्र 16 साल का था तभी उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। साल 2000 की शुरुआत में छोटे-मोटे अपराध करने के बाद यमुनापार के कुख्यात बदमाश खुरबेश के साथ मिलकर चिकना ने अपराध शुरू किए।

उन दिनों खुरबेश की यमुनापार के दिनेश गिरी गैंग से ठनी हुई थी। दिनेश को सबक सिखाने के लिए चिकना व खुरबेश ने 2004 में सत्यप्रकाश उर्फ सत्ते से हाथ मिला लिया। इसके बाद गैंगवार में दिनेश गिरी के गैंग के बदमाशों को निशाना बनाया जाने लगा।

अपराध जगत में सत्ते और चिकना का नाम चमकने लगा। गैंग को सत्ते-चिकना गैंग के नाम से पुकारा जाने लगा। गैंग ने आरकेपुरम, समयपुर बादली में बैंक डकैती के अलावा मालवीय नगर, कनॉट प्लेस, चांदनी चौक और आनंद विहार में कई बड़ी लूट की वारदातों को अंजाम दिया। 19 जनवरी, 2009 में ग्रीन पार्क इलाके में एक बैंक में लूट के दौरान पुलिस से मुठभेड़ हो गई। गोली लगने के बाद सत्ते, सोनू उर्फ कुलदीप, शकील व जावेद को मौके से पकड़ लिया गया। वहीं 10 फरवरी, 2009 को पुलिस ने झंडेवालान से चिकना को भी धर दबोचा। तभी से सत्ते व चिकना जेल में बंद थे। चिकना व उसके कुछ साथी अपराध छोड़ना चाहते थे। लेकिन सत्ते नहीं चाहता था। इसको लेकर सत्ते व चिकना की जेल में भी झड़प हुई थी। जेल से आने के बाद सत्ते ने अपराध की दुनिया भी छोड़ दी थी, लेकिन सत्ते को यह रास नहीं आ रहा था। उसे लग रहा था कि सोनू चिकना पुलिस के लिए मुखबिरी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार की रात को सोनू चिकना और सत्ते की मुलाकात अच्छे माहौल में हुई, लेकिन इसी दौरान चिकना अपने मोबाइल पर कुछ मैसेज टाइप करने लगा। सत्ते को शक हुआ और उसने गोली चलाने में देर नहीं की।


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