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कुलपति के नाम पर आपत्ति के बाद चतुर्वेदी राष्ट्रपति संग जाएंगे विदेश

अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ शनिवार को इजरायल और जार्डन के दौरे पर दि

By Edited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 07:20 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2015 07:20 PM (IST)
कुलपति के नाम पर आपत्ति के बाद 
चतुर्वेदी राष्ट्रपति संग जाएंगे विदेश

अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ शनिवार को इजरायल और जार्डन के दौरे पर दिल्ली विश्वविद्यालय के क्लस्टर इनोवेशन सेंटर के प्रमुख प्रो. एमएम चतुर्वेदी जाएंगे। डीयू के कुलपति प्रो. दिनेश सिंह के नाम पर आपत्ति के बाद यह फैसला लिया गया।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा कुलपति प्रो. दिनेश सिंह के नाम पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद कुलपति ने प्रो. मदन मोहन चतुर्वेदी का नाम आगे बढ़ाया। प्रो. चतुर्वेदी कई प्रयोगवादी और नवोन्मेषी काम कर रहे हैं, जिसका उपयोग सामाजिक जीवन में लोग कर सकते हैं। यहां के कई शोध को पेटेंट कराया गया है। सूत्रों के अनुसार, प्रो. चतुर्वेदी के नाम की संस्तुति की कई लोग आलोचना भी कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कुलपति ने कई वरिष्ठ प्रोफेसरों को नजरअंदाज करके प्रो. चतुर्वेदी पर भरोसा जताया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और आइआइटी खडगपुर के प्रतिनिधि भी राष्ट्रपति के साथ जा रहे हैं। ये चारों संस्थान इजरायल और जार्डन में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से कुल 23 समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। सब कुछ ठीक रहा तो बाद में शैक्षिक कोर्स, फैकल्टी, शिक्षक और छात्रों का आदान-प्रदान भी किया जाएगा।

डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीयू पांच शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करेगा, इसमें इजरायल के तीन संस्थान और जार्डन के दो संस्थान हैं। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया जार्डन के पांच और फिलिस्तीन के तीन शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता करेगा। जामिया के कुलपति प्रो. तलत अहमद का कहना है कि इजरायल से समझौता न करने की कोई खास वजह नहीं है। समय कम मिल पाया। डीयू व आइआइटी खड़गपुर का पहले से एमओयू है और वह इसे आगे बढ़ा रहे हैं। हमें कई विश्वविद्यालयों के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में हम शिक्षा के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण कार्य करने की योजना बना रहे हैं।


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