जंग की नहीं चली, नए लोकायुक्त के इंतजार में दिल्ली
दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सियासत फिर से गरमाने वाली है। विपक्ष इस मसले पर सड़क पर उतरकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। विपक्ष के तीखे तेवर और उपराज्यपाल नजीब जंग की नाराजगी के बावजूद राजधानी में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
नई दिल्ली । दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सियासत फिर से गरमाने वाली है। विपक्ष इस मसले पर सड़क पर उतरकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। विपक्ष के तीखे तेवर और उपराज्यपाल नजीब जंग की नाराजगी के बावजूद राजधानी में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो पाई है। यह कुर्सी करीब दो साल से खाली पड़ी है।
सूबे की आम आदमी पार्टी सरकार अब जनलोकपाल की तैयारी में है, जबकि विपक्षी भाजपा व कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि यह सरकार अपने भ्रष्ट नेताओं को बचाने के लिए लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले को जानबूझकर टाल रही है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि बीते आठ महीने से इस मुद्दे पर यह सरकार टाल-मटोल का रवैया अख्तियार किए हुए है।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इसकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है। पार्टी के नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जिन नारों और वायदों को लेकर यह सरकार बनी थी, उन सबको इस सरकार ने छोड़ दिया और भ्रष्टाचार में लिप्त अपने नेताओं को बचाने के लिए यह लोकायुक्त की नियुक्ति से इन्कार कर रही है। उनका कहना है कि भाजपा इस मुद्दे पर जोरदार आंदोलन छेडऩे की भी तैयारी में है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर एक पत्र दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी को लिखा। इसमें कहा गया था कि राजनिवास से तीन-तीन रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि यह तय है कि दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति होने के साथ ही आम आदमी पार्टी के कई विधायकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होंगे। पार्टी के 29 विधायक ऐसे हैं जिन पर लगे आरोपों की जांच लोकायुक्त को करनी है।
सरकार को यह बात मालूम है और इसीलिए वह लोकायुक्त की नियुक्ति से बचना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले ही इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर चुकी है। यदि सरकार की नींद फिर भी नहीं खुल रही तो पार्टी को भ्रष्टाचार में लिप्त आम आदमी पार्टी के नेताओं की पोल खोलने के लिए एक बार फिर से सड़क पर उतरने से परहेज नहीं है।
जानकारों का कहना है कि चूंकि सरकार अब जनलोकपाल की नियुक्ति की दिशा में कदम बढ़ा रही है। आम आदमी पार्टी यह लगातार कहती रही है कि दिल्ली के लोकायुक्त के पास ज्यादा अधिकार नहीं है। जनलोकपाल ज्यादा अधिकार संपन्न होगा। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनलोकपाल के मामले में सरकार कब तक कदम उठाती है।