OMG! कई दिनों से सील बंद ब्रेड के पैकेट में मिला जिंदा चूहा
कंपनी का दावा है कि 170 से 180 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच पॉलीबैग को पैक करते समय एक जीवित चूहे के अंदर पैक होना संभव नहीं है। इसके अलावा, एक जीवित चूहा पैक के अंदर बिना ऑक्सीजन के अधिक समय तक जीवित भी नहीं रह सकता है।
नई दिल्ली। देश के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में मरीजों को नाश्ते में परोसने के लिए मंगाए गए ब्राउन ब्रेड के पैकेट में जिंदा चूहा मिलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हैरानी की बात तो यह है कि जिस कंपनी का यह कारनामा है वह ब्रेड बनाने वाली नामचीन कंपनी है।
कंपनी का दावा, पॉलीबैग में जिंदा चूहा मिलना असंभव
वहीं कंपनी का दावा है कि 170 से 180 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच पॉलीबैग को पैक करते समय एक जीवित चूहे के अंदर पैक होना संभव नहीं है। इसके अलावा, एक जीवित चूहा पैक के अंदर बिना ऑक्सीजन के अधिक समय तक जीवित भी नहीं रह सकता है।
घटना की वीडियो भी बनाई
ब्रेड के सील पैकेट में जिंदा चूहा मिलने की यह घटना 29 जुलाई की है। इसका पता तब चला जब लोगों को सुबह का नाश्ता दिया जाने लगा। एम्स के प्रवक्ता डॉ. अमित गुप्ता ने बताया कि 29 जुलाई को ब्रेड के सील पैकेट में जिंदा चूहा मिला था। उसकी वीडियो भी बनाई गई है।
घेरे में भोजन की गुणवत्ता
अस्पतालों में मरीजों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता हमेशा संदेह के घेरे में रही है। अब देश के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स में भी मरीजों को नाश्ते में परोसने के लिए मंगाए गए ब्राउन ब्रेड के पैकेट में जिंदा चूहा मिला है।
इस घटना पर एम्स प्रशासन ने ब्रेड आपूर्ति करने वाली कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसके साथ किए गए करार को रद कर दिया है। साथ ही 24 सितंबर को आदेश जारी कर कंपनी को तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
ब्रेड के साथ दिया जाता है चाय या दूध
एम्स में करीब 2400 बेड हैं और 80 फीसद से ज्यादा बेड प्रतिदिन मरीजों से भरे होते हैं। मरीजों को सुबह में नाश्ते के लिए ब्रेड के साथ चाय या दूध दिया जाता है, इसलिए बड़े पैमाने पर ब्रेड की जरूरत होती है। कई मरीजों को अधिक कैलोरी की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें ब्राउन ब्रेड दिया जाता है।
पंजाब की कंपनी ने बनाया था ब्रेड
एम्स के प्रवक्ता डॉ. अमित गुप्ता ने बताया कि 29 जुलाई को ब्रेड के सील पैकेट में जिंदा चूहा मिला था। उसकी वीडियो भी बनाई गई है। मामले में गठित जांच समिति के समक्ष कंपनी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। कंपनी में ब्रेड की गुणवत्ता जांचने वाले विशेषज्ञ ब्रेड की पैकिंग करने से पूर्व इसे रोक नहीं पाए।