BIHAR ELECTION: दिल्ली के इंजीनियर आकाश ने रच दिया इतिहास
बिहार में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव सहित देश भर में आयोजित अब सभी चुनावों में इवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर प्रत्याशियों की तस्वीर लगाई जाएगी। यह दिल्ली के युवक आकाश गहलोत के प्रयास से संभव हो पाया है।
नई दिल्ली (अमित कसाना/संतोष शर्मा)। बिहार में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव सहित देश भर में आयोजित अब सभी चुनावों में इवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर प्रत्याशियों की तस्वीर लगाई जाएगी। यह दिल्ली के युवक आकाश गहलोत के प्रयास से संभव हो पाया है।
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चुनावों में प्रत्याशी एक-दूसरे के वोट काटने के चक्कर में एक नाम से कई प्रत्याशी खड़े करवा देते थे। इससे मतदाताओं में भ्रम पैदा होता था और चुनाव परिणाम निष्पक्ष नहीं आ पाते थे। आकाश गहलोत ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें सुनवाई के बाद निर्वाचन आयोग ने ये कदम उठाया है।
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जनकपुरी निवासी आकाश गहलोत ने 12वीं तक की पढ़ाई दिल्ली से की है। बाद में वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दुबई चले गए। बीई की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वे वापस आए और 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डालने मतदान केंद्र गए।
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वहां उन्होंने पाया कि ईवीएम में एक जैसे नाम के कई प्रत्याशी हैं। जिन्हें देखकर वह भ्रमित हो गए। आकाश ने पेशे से अधिवक्ता पिता हरज्ञान सिंह गहलोत से इस बारे में राय ली। विचार-विमर्श के बाद यह तय हुआ कि ईवीएम में अगर प्रत्याशियों की तस्वीर लगी हो तो लोगों की इस समस्या से निजात मिल जाएगी।
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आकाश ने इस मसले पर भारत निर्वाचन आयोग व अन्य लोगों को पक्षकार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी। अब तक मामले में करीब दस तारीख लग चुकी हैं।
आयोग के तर्क हुए खारिज
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने यह तर्क दिए कि ईवीएम की लंबाई छोटी है। प्रत्याशियों के तीन भाषाओं में नाम लिखने पड़ते हैं। वहीं कई बार प्रत्याशियों का नाम काफी लंबा होता है। इस कारण ईवीएम में प्रत्याशी के फोटो मुमकिन नहीं है।
इस पर याची ने अदालत को बकायदा ईवीएम मशीन की साइज में स्टैंप साइज फोटो लगा व तीन भाषाओं में प्रत्याशियों के नाम सहित एक मॉडल बनाकर दिखाया। वहीं, याची ने छत्तीसगढ़, 2014 लोस चुनाव में अजीत जोगी के सामने भाजपा प्रत्याशी चंदू लाल के नाम से 11 प्रत्याशियों को खड़े होने के साथ ही पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र के कुछ विस का उदाहरण दिया कि इस तरह वोट काटने के लिए डमी प्रत्याशी खड़े करवाए जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलों को रद होने के बाद आयोग ने बिहार चुनाव से ही ईवीएम में प्रत्याशियों की तस्वीरें लगाने की घोषणा कर दी है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में बताया है कि ईवीएम में तस्वीरें लगाई जाएंगी।
स्कूल में दाखिले से लेकर मतदाता प्रमाणपत्र तक में फोटो का प्रयोग किया जाता है, लेकिन लोकतंत्र की सबसे अहम प्रक्रिया मतदान के दौरान अभी तक प्रत्याशियों के फोटो का इस्तेमाल न होना गलत था। मतदान करने अनपढ़, दृष्टि दोष व हर तरीके के लोग जाते हैं।
ऐसे में ईवीएम में एक तरह के नाम के कई प्रत्याशियों के होने पर लोगों को परेशानी होती है। निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से यह समस्या समाप्त हो जाएगी।