सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन को प्रोत्साहित करेगी सरकार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार की योजना पर दिल्ली डायलॉग कमीश
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार की योजना पर दिल्ली डायलॉग कमीशन (डीडीसी) द्वारा तैयार प्रस्ताव बृहस्पतिवार को सार्वजनिक किया गया। दिल्ली सचिवालय में ऊर्जा विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन की मौजूदगी में डीडीसी के उपाध्यक्ष आशीष खेतान ने सौर ऊर्जा नीति का ड्राफ्ट सार्वजनिक किया। इसमें सौर ऊर्जा से सन् 2020 तक एक हजार तथा सन् 2025 तक दो हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
इस दौरान खेतान ने कहा कि सौर ऊर्जा से पहले साल हमारा लक्ष्य 20 से 40 मेगावाट तथा दूसरे वर्ष 100 मेगावाट तथा तीसरे साल हमारा लक्ष्य 200 मेगावाट बिजली उत्पादन का होगा। इसी प्रकार चौथे साल 400 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसके बाद पांचवें साल में इस लक्ष्य को बढ़ाकर एक हजार मेगवाट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की कोशिश अक्षय ऊर्जा के इस सबसे बड़े स्रोत का दोहन करने की है। इसके तहत मौजूदा सौर ऊर्जा नीति से कदम पीछे खींचा जा रहा है। सरकार अब निवेशक की भूमिका में नहीं होगी बल्कि इसकी जगह दिल्ली के आम लोगों व निजी उद्यमियों को सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करेगी। वहीं, निवेशक को प्लांट लगाने पर सीधे सब्सिडी न देकर उत्पादन पर आर्थिक मदद व टैक्स आदि में छूट देगी। साथ ही सरकारी बैंकों को लोन देने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
कई मॉडल का अध्ययन
खेतान के मुताबिक जर्मनी समेत देश-विदेश के कई मॉडल का अध्ययन करके ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इसमें सरकारी, व्यवसायिक, आवासीय इलाकों के साथ कैनाल व ड्रेन के किनारे सौर ऊर्जा उत्पादन के विकल्पों को शामिल किया गया है। दिल्ली में सबसे ज्यादा संभावना रूफटॉप (छतों पर सोलर पैनल) मॉडल में है।
15 दिनों तक लेंगे फीडबैक
ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि ड्राफ्ट पर अगले 15 दिनों तक विशेषज्ञ व आम लोग अपना फीडबैक देंगे। जरूरत होने पर सुझावों को शामिल किया जाएगा। फिर कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस नीति पर काम शुरू होगा। अगले पांच सालों में सभी सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली की दरें परंपरागत स्त्रोत से उत्पादित बिजली के समरूप होंगी, मगर आने वाले वर्ष में सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली ज्यादा सस्ती होगी। इसलिए इसे बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। सौर ऊर्जा उत्पादन में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। रेलवे प्लेटफॉर्म, मेट्रो स्टेशन, बस स्टॉप, अस्थाई शेड पर सोलर पैनल लगाने की जरूरत है, जिससे कि बिजली की बढ़ती मांग पूरी हो सके।
सौर ऊर्जा से जगमगाएगा दिल्ली सचिवालय
ग्रीन एनर्जी की दिशा में कदम बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार ने सबसे पहले दिल्ली सचिवालय में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने जा रही है। ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक सचिवालय में पांच मेगावाट का प्लांट लगाने का टेडर निकाला गया है। अक्टूबर तक तीन मेगावाट बिजली पैदा होने लगेगी, जबकि आगामी जनवरी तक प्लांट पूरी क्षमता से काम करने लगेगा।
कितना निवेश करना पड़ेगा
बताया जाता है कि सौर ऊर्जा के एक किलोवाट (केवी) के प्लाट पर करीब 80 हजार रुपये निवेश करना पड़ेगा। एक प्लांट से 25 साल तक बिजली का उत्पादन होगा।