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25%कम होगा छात्रों के बस्ते का बोझ,दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला

सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम से लेकर अध्ययन प्रक्रिया तक से असंतुष्ट दिल्ली सरकार शिक्षा क्षेत्र में होमवर्क करने के बाद पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसी कड़ी में पहली से आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम को अक्टूबर माह से 25 फीसद कम कर दिया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2015 08:07 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2015 09:02 AM (IST)
25%कम होगा छात्रों के बस्ते का बोझ,दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम से लेकर अध्ययन प्रक्रिया तक से असंतुष्ट दिल्ली सरकार शिक्षा क्षेत्र में होमवर्क करने के बाद पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसी कड़ी में पहली से आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम को अक्टूबर माह से 25 फीसद कम कर दिया जाएगा।

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उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने बाकायदा इसकी घोषणा भी कर दी है। उन्होंने कहा कि हमने बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने की बात कही थी। इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने पहले 8वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में 25 फीसदी कमी करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

विभाग ने अनेक शिक्षाविदों, अध्यापकों, अभिभावकों और अन्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। अगले महीने से इसे सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा। सिसोदिया ने कहा कि बच्चों का बचपन बस्तों के बोझ के नीचे दबा जा रहा है। इस विषय पर देशभर में काफी दिनों से चर्चा हो रही है।

दिल्ली में हम इस बोझ को कम करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया, इस बात पर भी चर्चा हुई कि शिक्षा सत्र के बीच में यह फैसला लागू करना क्या ठीक रहेगा, तो इस पर आम सहमति बनी। चूंकि पाठ्यक्रम में कटौती की जानी है, इसलिए ऐसा आसानी से किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में कुछ ऐसे विषय हैं, जिनकी अब कोई प्रासंगिकता नहीं है, इसलिए बच्चों को अनावश्यक रूप से उन्हें पढ़ाये जाने का कोई मतलब नहीं है।

खेल और कला पर होगा

सिसोदिया ने कहा कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है कि खेल, कला, साहित्य, संगीत, थियेटर जैसी विधाओं में भी उसकी भागीदारी बढ़े, लेकिन भारी-भरकम पाठ्यक्रम के कारण बच्चों को इसके लिए समय ही नहीं मिल पाता।

सरकार अगले सत्र से 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में भी 25 फीसदी की कमी कर देगी। इसकी जगह स्किल डेवलपमेंट, थियेटर, कला, संगीत, खेलकूद को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना दिया जाएगा। शिक्षा विभाग इस दिशा में काम कर रहा है।


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