स्मार्ट और मॉडल कक्षाओं ने दिलाई अलग पहचान
शिप्रा सुमन, बाहरी दिल्ली शिक्षा का उद्देश्य बौद्धिकता और नैतिकता का विकास करना है। प्राथमिक स्कूल
शिप्रा सुमन, बाहरी दिल्ली
शिक्षा का उद्देश्य बौद्धिकता और नैतिकता का विकास करना है। प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को सही सीख मिल जाए तो वह जीवनभर काम आती है। इसके लिए ऐसे शिक्षकों की जरूरत होती है, जो बच्चों को एकरूपता के साथ उनके हुनर को विकसित करने के लिए हरसंभव कोशिश करते हैं। बच्चों के संपूर्ण विकास में मदद करते हैं। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2014 के लिए नगर निगम स्कूल के ऐसे ही दो शिक्षकों का चयन किया गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शिक्षक दिवस पर उन्हें सम्मानित करेंगे। इन शिक्षकों ने अपने व्यक्तिगत प्रयास से शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कर लोगों के सामने मिसाल पेश की है। रोहिणी के निगम प्रतिभा विद्यालय के शिक्षक अनिल जैन और नरेला निगम उत्कृष्ट विद्यालय की शिक्षिका नीरज शर्मा को उनके योगदान के लिए पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। उन्होंने अपने तरीके से स्मार्ट और मॉडल कक्षाओं का आयोजन किया और दूसरे शिक्षकों के लिए आदर्श बन गए। दैनिक जागरण से इन शिक्षकों ने मन की बात साझा की..
नाम-नीरज शर्मा
पद-अध्यापिका
स्कूल का नाम- निगम उत्कृष्ट विद्यालय, नरेला
अध्यापन अनुभव- 25 वर्ष
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बच्चों को प्रेरक कहानियों से समझाया जाए सच-झूठ का फर्क
प्राथमिक स्तर पर बच्चों को विषयों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। उन्हें अच्छी और प्रेरक कहानियों के माध्यम से सच-झूठ, अच्छे-बुरे का फर्क समझाया जाए। उनमें अच्छे संस्कार देना जरूरी है। इसके लिए समय-समय पर स्मार्ट क्लास का आयोजन करती हूं। बच्चों को पौधरोपण, महिलाओं का आदर, स्वच्छता से संबंधित जानकारी, गुड-टच बैड-टच का ज्ञान देती हूं। समय-समय पर रक्तदान, गरीब बच्चों की मदद, भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता जैसे कार्यो में भी योगदान देती हूं। मुझे बेहतर करने के लिए पिताजी से प्रेरणा मिलती है। वह लेक्चरर थे। शिक्षण क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था। आज वही अवार्ड मुझे भी मिल रहा है। मुझे इसकी बहुत खुशी है। मैंने पिताजी के बताए रास्तों पर चलकर ही सफलता प्राप्त की। नए उत्साह के साथ देश के भविष्य बच्चों के उत्थान के लिए कार्य करती रहूंगी।
पुरस्कारों ने बढ़ाया हौसला
25 वर्षो के कार्यकाल में नीरज शर्मा ने शिक्षण के क्षेत्र में कई पुरस्कार अर्जित किए। वर्ष 2009 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का निगम अवार्ड प्राप्त किया। राधाकृष्णन पुरस्कार, भागीरथी अवार्ड, इंदिरा गांधी समरसता पुरस्कार, नारी शक्ति शिरोमणि पुरस्कार व शिक्षा रत्न अवार्ड मिला। वर्ष 2012 में राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का सम्मान मिला।
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नाम- अनिल जैन
पद- शिक्षक
पिता का नाम- राम चंद्र जैन
स्कूल का नाम- निगम प्रतिभा विद्यालय, रोहिणी सेक्टर 7ए
अध्यापन अनुभव- 11 वर्ष
बच्चों का सीखना सबसे अधिक जरूरी
बच्चों को हर हाल में उन बातों को सीखना जरूरी है, जिससे उनकी शिक्षा की नींव मजबूत हो। इसके लिए उन्हें विषयों को समझना आवश्यक है। इसलिए मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि विषयों को किस प्रकार रोचक और बच्चों के समझने लायक बनाया जाए। इसके लिए बेहतरीन मॉडल के माध्यम से बच्चों की जिज्ञासाओं को न सिर्फ शांत करता हूं बल्कि उन्हें निपुण बनाने की भी कोशिश करता हूं। मॉडल के माध्यम से सौर ऊर्जा, टेलीफोन की वेब, बिजली उत्पादन सरीखे विषयों को समझाता हूं। अमूमन निजी स्कूलों की अपेक्षा सरकारी विद्यालयों में इस तरह की शिक्षा कम ही दी जाती है। निजी प्रयास से वह सब किया, जिससे बच्चों को लाभ मिले। बच्चों को योग का प्रशिक्षण देता हूं, जिससे उनमें स्मरण और ध्यान की क्षमता बढ़े। इंटरनेट और अभिनय के माध्यम से भी जानकारी देता हूं। छोटी कक्षा के बच्चों को पढ़ाई हर हाल में रुचिकर और मजेदार लगे, जिससे वह बोझिल न हों।
11 साल में कई सम्मान
11 साल से शिक्षण के क्षेत्र में कार्यरत अनिल जैन रोहिणी के निवासी हैं। अपने अनूठे प्रयोग और विज्ञान विषय के पठन-पाठन में योगदान देने के लिए तीन बार सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित हो चुके हैं। दो बार निगम द्वारा जोनल स्तर पर सम्मानित किए गए। वर्ष 2011 में दिल्ली सरकार ने सर्वश्रेष्ठ राज्य शिक्षक का सम्मान दिया। स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के साइंस मॉडल के लिए उन्हें 12 बार निगम ने प्रथम श्रेणी का पुरस्कार दिया।