छात्र ने WhatsApp पर कही दिल की बात और फिर दे दी जान...पढ़ें पूरी खबर
एक छात्र ने अपने व्हॉट्स एप पर सुसाइड स्टेटस लिखा और फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। उसने व्हॉट्स एप पर अपने प्रोफाइल फोटो के साथ तनाव व अकेलेपन से परेशान होने का स्टेटस डाला था। घटना वेलकम इलाके की है। आशंका जताई जा रही है कि उसने यह
नई दिल्ली। एक छात्र ने अपने व्हॉट्स एप पर सुसाइड स्टेटस लिखा और फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। उसने व्हॉट्स एप पर अपने प्रोफाइल फोटो के साथ तनाव व अकेलेपन से परेशान होने का स्टेटस डाला था। घटना वेलकम इलाके की है। आशंका जताई जा रही है कि उसने यह कदम माता-पिता के अलग रहने के कारण उठाया है।
पुलिस ने छात्र के मोबाइल और लैपटॉप को जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया है। खुदकुशी करने वाले 13 वर्षीय छात्र की पहचान स्वर्णिम उर्फ शानू के रूप में हुई है। उसने सोमवार देर रात घटना को अंजाम दिया।
पुलिस के मुताबिक शानू अपने नाना धर्मपाल सिंह व नानी कल्पना के साथ गाजियाबाद के वैशाली इलाके में कृष्णा कॉटेज स्थित गली नंबर-नौ में रहता था। उसके साथ उसका बड़ा भाई शिखर भी रहता था। वह सनवैली इंटरनेशनल स्कूल में नौंवी कक्षा में पढ़ता था, जबकि उसका भाई दसवीं कक्षा का छात्र है।
उसके पैर में चोट आ गई थी तो वह अपने भाई के साथ 15 अगस्त से अपनी मौसी के पास वेलकम स्थित कबीर नगर में आया था। सोमवार देर रात तक शानू अपने भाई व मौसी की बेटी साक्षी के साथ बैठकर बात करता रहा। परिजनों के मुताबिक रात करीब 12 बजे दोनों भाई कमरे में सोने चले गए। सोते हुए अचानक जब शिखर की आंख खुली तो उसने देखा कि शानू फांसी के फंदे पर झूल रहा था।
परिजनों ने फौरन उसे फंदे से उतारकर नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां से उसे जीटीबी के लिए रेफर कर दिया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।
तीन दिन पहले स्टेटस अपडेट किया
खुदकुशी करने वाले छात्र स्वर्णिम उर्फ शानू ने तीन दिन पहले ही व्हॉट्स एप पर अपना स्टेटस अपडेट किया था। उसके तनाव का आलम यह था कि इस अपडेट के वक्त ही उसने यह लिख दिया था कि मुझे ऐसी दुनिया में जीना नहीं है, जहां इंसान से ज्यादा पैसे की कीमत है। हालांकि उसने किसी को भी खुदकुशी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है। पुलिस उसके परिजनों से इस बारे में पूछताछ कर रही है।
माता-पिता को मिलाना चाहता था
पुलिस की अबतक की जांच में यह पता चला है कि शानू अपने माता-पिता के अलग रहने की वजह से बेहद दुखी था। वह चाहता था कि उसके माता-पिता एक साथ रहे। लेकिन उसकी मां उसके पिता को छोड़ कर दुबई काम करने के लिए चली गई थी। उसने छोटी उम्र में ही शानू व उसके भाई को नाना-नानी के पास छोड़ दिया था। मौजपुर इलाके में फोटोग्राफी का काम करने वाले उसके पिता भी बीमार रहने लगे थे। इस कारण वह काफी तनाव में रहता था।