90 हजार ऑटो का चक्का जाम, दिल्ली हलकान
केंद्र और दिल्ली सरकार की अलग-अलग नीतियों से नाराज हजारों ऑटो व टैक्सी चालक आज हड़ताल पर हैं। इससे लोगों को दिक्कत आनी शुरू हो गई है। सुबह से ही लोग ऑटो-टैक्सी का इंतजार करते नजर आए, लेकिन लोगों को निराशा ही मिली।
नई दिल्ली। केंद्र और दिल्ली सरकार की अलग-अलग नीतियों से नाराज हजारों ऑटो व टैक्सी चालक आज हड़ताल पर हैं। इससे लोगों को दिक्कत आनी शुरू हो गई है। सुबह से ही लोग ऑटो-टैक्सी का इंतजार करते नजर आए, लेकिन लोगों को निराशा ही मिली। बताया जा रहा है कि दिल्ली में 90 हजार ऑटो के पहिये थम गए हैं।
तस्वीरों में देखें दिल्ली में हड़ताल का असर
वहीं, ऑटो-टैक्सी के हड़ताल पर दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय का कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने अभी तक उनके हित में फैसला लिया है, उतना किसी अन्य सरकार ने नहीं लिया। आज भाजपा समर्थित यूनियन वाले ऑटो और टैक्सी को जबरदस्ती रोक रहे हैं।
गुड़गांव में दिखा हड़ताल का असर
राष्ट्रव्यापी हड़ताल का साइबर सिटी में सुबह से ही व्यापक असर दिख रहा है। रोडवेज की अधिकतर बसें नहीं चल रही हैं। मारुति, हीरो मोटो कार्प एवं होंडा कंपनी में उत्पादन पूरी तरह ठप है। बिजली निगम कार्यालयों, डाकघरों, बैंकों सहित कई सरकारी कार्यालयों में भी हड़ताल का काफी असर देखा जा रहा है।
रोडवेज की हड़ताल से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। कई इलाकों में बिजली आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने की भी सूचना आ रही है।
पश्चिमी दिल्ली में हड़ताल बेअसर
ऑटो-टैक्सी हडताल का पश्चिमी दिल्ली की सडकों पर कहीं कोई असर नहीं दिख। ऑटो हो या टैक्सी दोनों की आवाजाही सडकों पर आम दिनों की तरह सामान्यन नजर आ रही है।
क्यों हो रही हड़ताल
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए रोड ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बिल 2014 जिसे कुछ लागू किया जाना है तथा दिल्ली में AAP सरकार बनने के बाद किए गए वादों में से एक भी वादे पूरे नहीं किए जाने से नाराज दिल्ली के ऑटो टैक्सी चालकों ने इसका विरोध करते हुए पूरे दिन हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है।
पहले ही दी थी हड़ताल की चेतावनी
हड़ताल की चेतावनी ऑटो-टैक्सी संगठनों ने पहले ही सरकार को दे दी थी, मगर सरकार की ओर से कोई पहल नहीं होने से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज पूरे दिन ऑटो टैक्सी वाले चक्का जाम कर विरोध जताएंगे।
ऑटो-चालकों का कहना है सरकार अवैध तरीके से कैब चलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और आए दिन बेवजह कभी परिवहन विभाग को कभी ट्रैफिक पुलिस परेशान करती है। किसी कारणवश कोई कागजात साथ नहीं रहने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना कैसे कोई चालक दे सकता है।
लालबत्ती जंप करने, लाइसेंस ना होने, सीट बेल्ट नहीं पहनने आदि पर जिस तरह भारी भरकम जुर्माने किया जाता है। यह किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं है। दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकारी परमिट हस्तांतरण कराने वाले चालकों को परेशान कर रही है।