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दिल्ली सरकार का फैसला, प्ले स्कूलों में 25 फीसदी EWS कोटा

रविवार को दिल्ली सरकार द्वारा रियायती दरों पर आवंटित भूमि पर चल रहे स्कूलों और शिशु गृह में गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी आरक्षण के कार्यान्वयन का आदेश दे दिया गया। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों के लिए कोटा

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2015 08:22 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2015 09:49 PM (IST)
दिल्ली सरकार का फैसला, प्ले स्कूलों में 25 फीसदी EWS कोटा

नई दिल्ली। रविवार को दिल्ली सरकार द्वारा रियायती दरों पर आवंटित भूमि पर चल रहे स्कूलों और शिशु गृह में गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी आरक्षण के कार्यान्वयन का आदेश दे दिया गया। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों के लिए कोटा के कार्यान्वयन के निर्देश जारी किए।

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पिछले साल नवम्बर में दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए तंत्र विकसित करने में नाकाम रहने के लिए राज्य सरकार की खिंचाई की थी।

दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा है कि स्कूल के नोटिस बोर्ड पर और साथ ही वेबसाइटों पर इस जानकारी को प्रदर्शित करना आवश्यक हो जाएगा। इतना ही नहीं नोटिस बोर्ड को उस स्थान पर लगाया जाए जहां जनता इसे आसानी से देख सके।

पढ़ें : प्ले स्कूलों में लागू होगा 25 फीसद गरीबी कोटा

एडमिशन न देने पर बताना होगा कारण

अगर किसी वजह से ईडब्ल्यूएस के लिए आवेदन करने वाले छात्र को एडमिशन नहीं दिया जाता तो उसका कारण स्कूल को बताना होगा। ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत प्ले स्कूल में एडमिशन लेने के मामले में छात्र के घर से स्कूल की दूरी संबंधी वही नियम लागू होंगे जो एंट्री लेवल क्लासेस में राइट टु एजुकेशन 09 के माध्यम से लागू होते हैं।अगर ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आने वाले आवेदनों की संख्या मौजूदा सीटों से अधिक होती है तो ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया द्वारा चयन किया जाएगा। ये प्रक्रिया अभिभावकों की मौजूदगी में होगी।

ये भी होगा नियम

इसके अलावा, स्कूलों को सभी अभिभावकों को बताना होगा कि ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया किस तारीख को होगी।‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया को अंतिम रूप देते समय पांच अभिभावकों का हस्ताक्षर होना जरूरी होगा। ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया की सभी दस्तावेज भविष्य के लिए सुरक्षित रखना जरूरी है। एडमिशन के लिए कोई भी स्कूल, पैरेंट्स का इंटरव्यू, काउंसलिंग, लिखित या मौखिक परीक्षा नहीं ले सकता। दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के नवंबर 2014 के निर्णय को लागू किया है।


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