स्वैच्छिक रक्तदान का लक्ष्य अभी दूर
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली सरकार की तरफ से चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों के बावजूद दिल्ली जैस
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली
सरकार की तरफ से चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों के बावजूद दिल्ली जैसे महानगर में सौ फीसद स्वैच्छिक रक्तदान का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। अभी भी दिल्ली में करीब 67 फीसद ही स्वैच्छिक रक्तदान किया जा रहा है। जबकि बाकी की जरूरतों को पूरा करने के लिए मरीजों को अपने साथ रक्तदाता लाना पड़ता है। इससे कुछ अवांछनीय तत्वों को पैसा कमाने का मौका मिल जाता है।
दैनिक जागरण से बातचीत में गुरुतेग बहादुर अस्पताल के ब्लड बैंक के विभागाध्यक्ष डॉ. भरत ¨सह ने बताया कि सौ फीसद रक्तदान के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लोगों को भी जागरूक होना होगा। अगर दस फीसद लोग भी साल में एक बार रक्तदान करने का प्रण ले लें तो सौ फीसद का लक्ष्य अपने आप पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 से 65 साल तक की आयु और जिनका वजन 50 किलो से ज्यादा हैं, उन्हें रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वैच्छिक संगठनों को भी ज्यादा से ज्यादा रक्तदान शिविर लगाने चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान का लक्ष्य पूरा नहीं होने के कारण मरीजों को रक्त के लिए रक्तदाता लाना पड़ता है। कभी-कभी रिश्तेदार न मिलने पर अवांछनीय तत्व भी रक्तदान के लिए पहुंच जाते हैं। इससे भ्रष्टाचार तो बढ़ता ही है, साथ ही कई बार उनका रक्त संक्रमित होने के कारण बेकार हो जाता है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के करीब दस ब्लड बैंक हैं। इनमें जीटीबी का ब्लड बैंक सबसे बड़ा है। यहां लगभग 32 हजार यूनिट रक्त एकत्र होता है। जीटीबी में रक्त के अवयव अलग करने की पूरी व्यवस्था है। इससे रेड सेल, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स निकाले जाते हैं।