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दिल्ली में हैं तीन स्पीड ब्रेकर- जंग, बस्सी व मीणा : केजरी

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार जनता की उम्मीदों के अनुरूप बेहतरीन काम कर रही

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 09:51 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 09:51 PM (IST)
दिल्ली में हैं तीन स्पीड ब्रेकर- जंग, बस्सी व मीणा : केजरी

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार जनता की उम्मीदों के अनुरूप बेहतरीन काम कर रही है। सरकार की गाड़ी बहुत तेजी से चल रही है, लेकिन उपराज्यपाल नजीब जंग, पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख एमके मीणा कामकाज की रफ्तार को कम करने के लिए स्पीड ब्रेकर की तरह काम कर रहे हैं। सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार के हर फैसले को बदलने के इरादे से उक्त लोगों को केंद्र सरकार ने काम सौंपा है। जनता से किए वादे को पूरा करने के लिए सरकार इसी रफ्तार से कामकाज करेगी। दिल्ली सरकार काम करना चाहती है, मोदी सरकार काम नहीं करने दे रही है।

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अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह सहयोगात्मक लोकतंत्र चलाएं। मोदी जी साथ मिलकर काम करेंगे तो एक और एक 11 हो जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगले छह महीने में वह दिल्ली को ठीक कर दें, नहीं तो अगले छह महीने में पुलिस को उन्हें सौंप दें। ऐसा हुआ तो वह दिल्ली को देश का सबसे सुरक्षित राज्य बना देंगे।

प्रस्ताव पर चर्चा के आखिर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 14 फरवरी को दिल्ली में आप की सरकार बनी। तब से लेकर 8 जून तक सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त करीब 50 अधिकारियों को गिरफ्तार किया। केंद्र सरकार ने इसके बाद दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) में एमके मीणा को तैनात कर दिया। नतीजा, दो महीने से विभाग का कामकाज ठप पड़ा है। दिल्ली सरकार कोई महत्वपूर्ण फैसला लेती है तो उपराज्यपाल या फिर गृह मंत्रालय की ओर से आर्डर आ जाता है कि सरकार का आदेश अवैध है, इसे नहीं माना जा सकता। दिल्ली सरकार के ऐसे करीब 25 आदेश हैं, जिन्हें उपराज्यपाल व केंद्र सरकार ने अवैध करार दिया। सरकार 'अवैध' करार दिए जाने से नहीं चलने वाली है।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा ठीक होती तो सदन बुलाने की नौबत नहीं आती। सच्चाई यह है कि महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार दिल्ली में देश की महज 1.4 फीसद आबादी रहती है, लेकिन दुष्कर्म के मामले 5 फीसद हैं। ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए जांच आयोग बनाने का मकसद पीड़िता को न्याय दिलाना है।

औचित्य पर उठाए गए सवाल को किया खारिज

जांच आयोग के गठन को लेकर उठाए गए सवालों पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में रहने वाला कोई शख्स जब पानी, बिजली आदि के बिलों का भुगतान नहीं करता है तो उसके खिलाफ दिल्ली सरकार को संविधान में प्रदत्त अधिकारों के तहत कार्रवाई करने का अधिकार है। सरकार ने संविधान में प्रदत्त अधिकार के तहत महिलाओं की सुरक्षा के लिए जांच आयोग का गठन किया है। कोई नियम का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिल्ली सरकार के पास है।


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