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महिला सुरक्षा पर गंभीर नहीं है आप सरकार

दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या बेशक तीन है, लेकिन वे सदन में सरकार पर हमला करने का कोई

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 11:49 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 11:49 PM (IST)
महिला सुरक्षा पर गंभीर नहीं है आप सरकार

दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या बेशक तीन है, लेकिन वे सदन में सरकार पर हमला करने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देते हैं। अब तक वे दिल्लीवासियों के हित से जुड़े मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाकर सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। तीन अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र है। जिसमें सरकार को घेरने के लिए भाजपा विधायकों ने पूरी रणनीति तैयार कर ली है। इस बारे में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता से हमारे मुख्य संवाददाता संतोष कुमार सिंह ने विस्तार से बातचीत की। पेश है बातचीत के मुख्य अंश।

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महिला सुरक्षा को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इससे नहीं लगता कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है?

सरकार महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणापत्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई वादे किए थे, लेकिन एक भी पूरा नहीं किया गया। महिला हेल्पलाइन नंबर 181 को खत्म कर दिया। सिर्फ केंद्र सरकार के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र व प्रपंच करने के लिए महिला सुरक्षा पर विशेष सत्र बुलाया गया है। आनंद पर्वत में हुई मीनाक्षी की हत्या पर सरकार राजनीति कर रही है। इसी तरह से किसान गजेंद्र की मौत पर राजनीति की गई थी। लगता है कि राज्य सरकार ने लाशों की राजनीति शुरू कर दी है।

विधानसभा के इस विशेष सत्र में भाजपा की भूमिका क्या होगी?

भाजपा विधायक सरकार के सामने सवाल खड़े करेंगे। लोकायुक्त की नियुक्ति, महिला सुरक्षा के वादे, अनधिकृत बस्तियों का विकास आदि मामले उठाकर सरकार की पोल खोली जाएगी। सरकार दिल्ली को शराब की मंडी बनाने की कोशिश में है। इसका विरोध किया जाएगा।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं?

अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री दिल्लीवासियों को गुमराह कर रहे हैं। उनका काम की ओर ध्यान नहीं है और लोगों की सहानुभूति बटोरने के लिए इस तरह का विवाद खड़ा करते रहते हैं। सत्ता में आने के बाद भी वह दिल्ली सरकार के प्लेटफॉर्म को विपक्ष के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। केजरीवाल बार-बार प्रधानमंत्री का नाम लेकर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा जता रहे हैं। वह उपराज्यपाल की गरिमा को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। कुल मिलाकर उन्होंने दिल्ली की सत्ता को अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने का जरिया बना लिया है।

भारी बहुमत से सत्ता में आने वाली सरकार को काम करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए या नहीं?

दिल्ली सरकार को अपने संवैधानिक दायरे में काम करने की पूरी आजादी है, लेकिन केजरीवाल सरकार काम नहीं करना चाहती है। वह बड़ी बहुमत का दुरुपयोग कर रही है। उसे संविधान और नियम कानून में कोई विश्वास नहीं है। उसके काम में अहंकार और अनुभवहीनता साफ नजर आती है।

दिल्ली सरकार का दावा है कि उसका बजट ऐतिहासिक है। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यावरण के लिए बजट में वृद्धि की गई है। इसका लाभ तो दिल्लीवासियों को ही मिलेगा, फिर आप कैसे कह रहे हैं कि सरकार काम नहीं कर रही है?

बजट दोगुना या तीनगुना कर देना कोई उपलब्धि नहीं है। हकीकत में क्या काम हुआ यह भी देखना होगा। न तो कोई स्कूल खुला है और न ही स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार या विस्तार हुआ है। बसों की कमी से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली चरमरा गई है। सरकार ने दावा किया था कि बिजली कंपनियों के भ्रष्टाचार को खत्म कर बिजली की दरें कम की जाएंगी, लेकिन आज तक सब्सिडी का सहारा लेकर चंद उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली दी जा रही है।

आपका यह कहना है कि दिल्ली सरकार के बजट से दिल्लीवासियों को कोई लाभ नहीं मिलेगा?

बिल्कुल। छह माह बीत गए हैं और अगले छह माह में भी बजट के प्रावधानों पर अमल नहीं हो सकेगा। शिक्षा और स्वास्थ्य का बजट खत्म हो जाएगा। वैट की दरें बढ़ाकर दिल्लीवासियों पर महंगाई का बोझ डाल दिया गया है। बजट सत्र में लाए गए सभी बिल खटाई में पड़ गए हैं।

आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद भ्रष्टाचार तो कम हुआ है? राज्य सरकार भी यह दावा कर रही है कि भ्रष्ट लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा गलत है। दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के हेल्पलाइन नंबर 1031 से लोगों को राहत नहीं मिली है। सरकार द्वारा लगाई गई होर्डिग में भ्रष्ट अधिकारियों की गिरफ्तारी की बात की गई है, लेकिन आज तक इनके नामों की सूची जारी नहीं हुई है। सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की बात करती है, लेकिन वह एक भी ठोस उदाहरण नहीं दे सकती है जिससे कि भ्रष्टाचार खत्म होने की बात सामने आए। पुलिस व अधिकारियों को गाली देने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो सकता है। इसके लिए काम करना चाहिए। आज तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है। इस बारे में सरकार ने हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा जरूर दे दिया है।

होर्डिग का जवाब होर्डिग से देना कितना सही है?

बिल्कुल सही है। होर्डिग पर सरकारी धन पानी की तरह बहाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इस बारे में दिल्ली की जनता को सचेत करना जरूरी है। इसलिए भाजपा ने भी इसी अंदाज में जवाब देना शुरू किया है।


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