अब बच्चों के इलाज के लिए सरकार भरेगी बीमा प्रीमियम
रणविजय सिंह, नई दिल्ली राजधानी में जन्म लेने वाले हर एक हजार बच्चों में से 24 बच्चों की मौत हो जा
रणविजय सिंह, नई दिल्ली
राजधानी में जन्म लेने वाले हर एक हजार बच्चों में से 24 बच्चों की मौत हो जाती है। इस लिहाज से हर साल हजारों बच्चों की एक साल का उम्र पूरा करने से पहले ही मौत हो जाती है। लेकिन उम्मीद भरी खबर यह है कि शिशु मृत्यु दर कम करने के मकसद से सूबे की सरकार बच्चों की स्वास्थ्य बीमा करने की तैयारी कर रही है। अधिकारी योजना की रूपरेखा तैयार करने में जुटे हैं। यह बीमा योजना लागू होने पर गरीब बच्चे की कम से कम इलाज नहीं मिलने के कारण मौत नहीं होगी।
इसे ध्यान में रखकर दिल्ली सरकार के परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी इसे एक नायाब पहल के रूप में देख रहे हैं। क्योंकि मौजूदा समय में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। हाल ही में रोहिणी के बुद्ध विहार इलाके के रहने वाले व्यक्ति के नवजात बच्चे की इसलिए मौत हो गई थी, क्योंकि उसे वेंटिलेटर स्पोर्ट की दरकार थी। लेकिन दिल्ली के किसी भी सरकारी अस्पताल में उस बच्चे को वेंटिलेटर नहीं मिला। दो बड़े अस्पतालों ने आइसीयू में वेंटिलेटर खाली नहीं होने का हवाला देकर भर्ती लेने से मना कर दिया था। बीमा योजना शुरू होने से ऐसी स्थिति नहीं आएगी। परिजन प्राइवेट अस्पताल में भी बच्चों का इलाज करा सकेंगे। यह बीमा योजना दिल्ली स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत शुरू किया जाएगा। बाकायदा मई में हुई दिल्ली स्वास्थ्य मिशन की बैठक में यह तय किया जा चुका है।
योजना को स्वास्थ्य मिशन करेगा संचालित
परिवार कल्याण निदेशालय के निदेशक डॉ. आरके गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य मिशन ही इस योजना को संचालित करेगा। योजना के अंतर्गत एक साल तक के बच्चों का स्वास्थ्य बीमा कराया जाएगा। इसके तहत विशेष दिशा-निर्देश तैयार किया जा रहा है। बीमा के दायरे में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे आएंगे। यह पूरी तरह मुफ्त बीमा योजना होगी। इसके दायरे में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे आएंगे, जिनका प्रीमियम सरकार भरेगी।
मृत्यु दर को कम करना मकसद
डॉ. गुप्ता ने कहा कि मौजूदा समय में दिल्ली में शिशु मृत्युदर 24 है। हालांकि, राष्ट्रीय शिशु मृत्यु दर 41 से बहुत कम है और दिल्ली में स्थिति दूसरे राज्यों से बेहतर है, लेकिन बीमा का मकसद शिशु मृत्यु दर को और कम करना है और उम्मीद है कि बीमा के शुरू होने पर यह घटकर 13-14 हो जाएगा।
हर साल 7000 बच्चों की होती है मौत
विशेषज्ञों के मुताबिक, शिशु मृत्यु दर किसी राज्य के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को आंकने का एक बड़ा पैमाना होता है। इसलिए इसे कम करना बेहद जरूरी है ताकि बच्चों को बचाया जा सके। दिल्ली में हर साल तीन लाख से अधिक बच्चों का जन्म होता है। इस लिहाज से करीब 7000 बच्चों की एक साल के अंदर मौत हो जाती है। ऐसे में बीमा योजना को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।