दिल्लीः यमुना के पास 3000 नर्सरी मालिकों को NGT का नोटिस
नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना के आसपास अवैध रूप से चल रहीं करीब तीन हजार नर्सरियों के मालिकों व अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह सभी बाढ़ के मैदानों में किसी न किसी रूप में प्रदूषण फैला रहे हैं।
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना के आसपास अवैध रूप से चल रहीं करीब तीन हजार नर्सरियों के मालिकों व अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह सभी बाढ़ के मैदानों में किसी न किसी रूप में प्रदूषण फैला रहे हैं।
एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार की पीठ यमुना के आसपास स्थित नर्सरियों के संबंध में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा दायर रिपोर्ट पर सुनवाई कर रही थी। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। 1इससे पूर्व एनजीटी ने डीडीए से 29 जुलाई को मामले में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे।
इससे पहले अधिवक्ता राजीव बंसल व कुश शर्मा ने एनजीटी में पेश अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वह डीडीए व दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के अधिकारियों के साथ यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के आसपास बाढ़ के मैदानों में जांच करने गए थे।
जिन बाढ़ के मैदानों को डीडीए ने चिन्हित किया है वहां सीमेंट के गमले व अन्य बर्तन बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा वहां प्लास्टिक कचरे का व्यवसाय चल रहा है। इसके अलावा अवैध रूप से नर्सरी व अवैध निर्माण चल रहे हैं। 1इन सब से वहां वायु व जल प्रदूषण हो रहा है।
यह लोग कचरे को यमुना में फेंकते हैं और प्लास्टिक व अन्य पदार्थ जलाएं जाते हैं। रिपोर्ट में बताया गया था कि यमुना के आसपास करीब तीन हजार नर्सरी अवैध रूप से चल रही हैं और वहां अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी हो रही हैं।
यहां बता दें कि एनजीटी ने यमुना में कचरा फेंकने वालों पर पांच हजार रुपये जुर्माना व मलबा फेंकने वालों पर पचास हजार रुपये जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं।