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Dainik Jagran Delhi : 25 बरस का सफर

दैनिक जागरण ने दिल्ली में अपना सफर जुलाई के इसी सप्ताह में 1990 से शुरू किया। यह हिंदी हृदय प्रदेश से देश की राजधानी में कदम रखने वाला पहला प्रमुख हिंदी दैनिक बना।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2015 11:11 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2015 05:00 PM (IST)
Dainik Jagran Delhi : 25 बरस का सफर

नई दिल्ली । दैनिक जागरण ने दिल्ली में अपना सफर जुलाई के इसी सप्ताह में 1990 से शुरू किया। यह हिंदी हृदय प्रदेश से देश की राजधानी में कदम रखने वाला पहला प्रमुख हिंदी दैनिक बना।

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यह वह समय था जब अंतरराष्ट्रीय पटल पर सोवियत संघ के बिखराव का असर था तो राष्ट्रीय पटल पर मंदिर आंदोलन और मंडल आयोग की सिफारिशों के चलते राजनीतिक-सामाजिक माहौल में सरगर्मी थी और दिल्ली-एनसीआर में विकास के नए प्रतिमान स्थापित करने की ललक एवं पहल थी।

तब जागरण के संपादकीय मंडल का प्रमुख ध्येय यही था कि कैसे इस माहौल में हिस्सेदार बनकर इस पूरे क्षेत्र को एक नई सोच और साथ ही दिशा दी जाए।

आज दिल्ली-एनसीआर देश का सबसे तेजी से विकसित होता एवं समृद्धि के पायदान चढ़ता क्षेत्र है तो दैनिक जागरण इसका साक्षी और विश्वसनीय सहयोगी। दिल्ली-एनसीआर के साथ दैनिक जागरण की 25 साल की यात्रा हमारे लिए संतोष और गर्व का विषय है।

इस कालखंड ने यह देखा कि कैसे एनसीआर कहे जाने वाले इलाके और खासकर गुड़गांव, फरीदाबाद, सोनीपत, रेवाड़ी, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और विशेष रूप से दिल्ली से सटे उसके हिस्से सेटेलाइट टाउन के तौर पर सामने आए।

ये सभी इलाके तेजी से तरक्की करती दिल्ली के सहयोगी और जरूरत बने। दिल्ली-एनसीआर उत्तर भारत में रोजगार का एक मात्र प्रमुख केंद्र बना तो उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब समेत अन्य अनेक राज्यों के लोगों की यहां आमद तेज हुई और इससे इस क्षेत्र के सामाजिक राजनीतिक समीकरण भी बदले।

आज दिल्ली एनसीआर एक लघु भारत है। इस लघु भारत की विकास यात्रा में दैनिक जागरण सदैव एक मददगार, प्रहरी और प्रदर्शक की भूमिका में रहा है।

दैनिक जागरण ने इस पर न केवल पैनी निगाह रखी कि दिल्ली एनसीआर में बेतरतीब विकास न होने पाए, बल्कि ऐसे विकास के प्रति नीति-नियंताओं को आगाह भी किया और जरूरत पड़ने पर अभियान भी छेड़े।

दैनिक जागरण ने सामाजिक समस्याओं के समाधान को अपने एजेंडे पर रखा तो वोट बैंक की क्षुद्र राजनीति पर चोट करने में भी पीछे नहीं रहा। इसी कारण हमें दिल्ली-एनसीआर की जनता ने सराहा और अपने भरोसेमंद साथी के रूप में स्वीकारा।

1990 में करीब 20 हजार प्रतियों से शुरू हुआ दैनिक जागरण का नई दिल्ली का संस्करण आज 16 संस्करणों के साथ पांच लाख प्रतियों तक पहुंचने वाला है।

हमारी इस अद्भुत सफलता के पीछे दिल्ली-एनसीआर के अतिरिक्त दस अन्य राज्यों के हमारे 27 प्रकाशन केंद्र और वहां से निकलने वाले करीब 300 संस्करण भी हैं।

हम महज एक समाचार पत्र नहीं, पत्रकारीय मूल्यों-सिद्धांतों के साथ-साथ समाज और राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्ध एक संगठन भी हैं।

चूंकि हम यह मानते हैं कि राजनीति समाज को दिशा देने वाली व्यवस्था है इसलिए राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, उनकी रीति-नीति पर हमारी सतत निगाह रहती है।

हमारी राजनीतिक रिर्पोटिंग विशेष तेवर लिए होती है। दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ देश के प्रति समर्पण हमारा मूलमंत्र है। हमारी यात्रा जारी है और इस यात्रा में आप सभी हमारे संबल और सहयात्री हैं।

आभार।


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