पेड़-पौधों को देते हैं अपनों सा प्यार
अरविंद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली डीके जैन आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके लगाए गए पेड़ औ
अरविंद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली
डीके जैन आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके लगाए गए पेड़ और उन पर लिखा उनका नाम आज भी लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करता है। ओखला स्थित लग्जर कंपनी के पूर्व सीईओ व ओखला इंडस्ट्रियल एरिया एस्टेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डीके जैन की पहल से आज यहां हरियाली है। हरियाली पर काम करने के लिए दिल्ली सरकार ने वर्ष 2010 में उन्हें सम्मानित भी किया था। ओखला इंडस्ट्रियल एस्टेट फेज-3 में स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में हर पौधा, हर पेड़ किसी के नाम पर लगाया गया है। जिन लोगों ने इन्हें अपने प्रियजनों के नाम पर लगाया है वे इन्हें खाद-पानी देने आते हैं। अपनों जैसा प्यार देते हैं। पार्क में दर्जनों ऐसे पेड़ हैं जो किसी न किसी की याद दिलाते हैं।
लग्जर कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट व एसोसिएशन जनरल सेक्रेटरी राजन शर्मा ने भी कुछ वर्ष पहले अपने नाम से अशोक का पौधा लगाया था। आज यह पेड़ बन चुका है। राजन कहते हैं कि उनके जैसे कई लोगों ने अपने प्रियजनों की यादों को समेटने के लिए यह ईको फ्रेंडली तरीका अपनाया है। किसी ने मां के नाम पर, किसी ने पिता के जन्मदिन पर तो किसी ने अपनी या बेटा-बेटी की शादी की वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए पौधा लगाया है। कुछ लोगों ने दिवंगत प्रियजनों को श्रद्धांजलि देने के लिए पौधे रोपे हैं। इस योजना के शुरू होने से पहले भी एसोसिएशन की ओर से पांच हजार से अधिक पौधे लगाए गए थे, जो पेड़ बन चुके हैं। एसोसिएशन की तरफ से हर साल एक हजार पौधे लगाए जाते हैं।
पार्क में मेट्रोपोल कंपनी के चेयरमैन ब¨रदर कुमार, हरि ब्रदर्स कंपनी के कमल चिब्बा, एमएस ठक्कर के अलावा आसपास रहने वाले दर्जनों लोगों ने पौधे लगाए हैं। बेटी के जन्म की खुशी पर पांच वर्ष पहले पौधा लगाने वाले राजेश ने बताया कि बेटी के साथ ही उन्होंने पौधे को बड़े होते देखा है। वह इस पेड़ का भी उसी तरह से ध्यान रखते हैं जैसे अपनी बेटी का।
नगर निगम ने शुरू की थी योजना
कालकाजी इलाके के पूर्व निगम पार्षद धर्मवीर सिंह ने वर्ष 2009-2010 में दिल्ली नगर निगम की गार्डन कमेटी के अध्यक्ष रहते हुए सरदार पटेल वृक्ष योजना शुरू कराई थी। अपने या परिजनों के नाम पर नगर निगम के पार्क में पौधा लगाने के लिए 1100 रुपये देने पड़ते हैं। इसमें एमसीडी की ओर से पौधा, ट्री गार्ड व प्लेट दी जाती है जिस पर व्यक्ति का नाम लिखा जाता है। यह योजना आधा एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले पार्को के लिए है। निगम की उपेक्षा के कारण योजना परवान नहीं चढ़ सकी। प्रचार-प्रसार के अभाव में लोगों को योजना के बारे में पता ही नहीं है। सराय काले खां स्थित राजीव गांधी स्मृति वन में भी ऐसी ही योजना चलाई जा रही है। यहां पर भी लोग अपनों की याद में पौधे लगा सकते हैं। वर्ष 1992 में पार्क की स्थापना के बाद से अभी तक एक हजार से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं।